स्वच्छ सर्वेक्षण में पहली बार निगेटिव मार्किंग, काम में कमी मिली तो कटेंगे नंबर
स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार कई बड़े बदलाव किए गए हैं। यह पहला मौका है जब स्वच्छ सर्वेक्षण में निगेटिव मार्किंग को लागू किया गया है। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय को प्रत्येक शहर मासिक सूचना तंत्र के माध्यम से अपने स्वच्छता संबंधित किए गए कार्यों की जानकारी भेजता है।
सर्वे के दौरान मैदानी स्तर पर यदि कार्य में 50 फीसद तक की कमी पाई जाएगी तो उस शहर के अधिकतम 30 अंक कम कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण में कड़ा मुकाबला होने के कारण इंदौर व सूरत को संयुक्त रूप से नंबर 1 का स्थान मिला था।
निगेटिव मार्किंग बड़े बदलाव करेगी
इंदौर के मुकाबले सूरत के सिर्फ 0.48 अंक ही कम थे। ऐसे में सर्वेक्षण में इस बार लागू की गई निगेटिव मार्किंग बड़े बदलाव करेगी। 15 फरवरी से स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए अलग-अलग शहरों में टीमें जाएंगी। इस बार इंदौर सहित 12 शहरों को सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया गया है।
नए शहर अपनी कैटगरी में टाप रैंकर होंगे
ऐसे में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में इस बार नए शहर अपनी-अपनी कैटेगरी में टाप रैंकर होंगे। इंदौर शहर को लीग में मुकाबला करना होगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लीग में शामिल अलग-अलग शहरों के बीच किसी तरह की प्रतियोगिता होगी या नहीं।
12500 अंकों के लिए करनी होगी मशक्कत
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों का भी कहना है कि सुपर स्वच्छ लीग में शामिल शहरों की किसी तरह की रैंकिंग होगी या नहीं, यह अभी तय नहीं है। इस संबंध में आगामी दिनों में निर्णय लिया जाएगा। इस बार सर्वेक्षण में शामिल शहरों को अव्वल आने के लिए 12500 अंक हासिल करने की मशक्कत करनी होगी।a