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Monsoon Tourist Place: बारिश के मौसम में मांडू नहीं देख, तो क्या देखा… देश के बेस्ट टूरिस्ट प्लेस में हैं शुमार

मानसून आते ही मध्य प्रदेश के धार जिले का मांडू हरियाली की चादर ओढ लेता है। यहां बादल आसमान से नीचे उतरकर पर्यटकों के करीब आ जाते हैं। महल, घाटियां और पहाड़ से बहने वाले झरने पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। मांडू की इमली भी देशभर में प्रसिद्ध है।

मांडू(Monsoon Tourist Place):- अगर आपके मन में गहरी शांति अनुभव करने और प्रकृति का अपूर्व सौंदर्य निहारने का मन हो तो फिर मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित मांडू से बेहतर और क्या होगा। गहरी घाटियां, उत्तुंग पहाड़ और उनमें से बहते झरने यहां बांहें फैलाए आपका स्वागत करते हैं।

सतपुड़ा की पर्वत शृंखला में प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य से भरा मांडू देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां की जो खास बात है, वह यह है कि यहां न तो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों जैसी भारी भीड़-भाड़ है, न ही दक्षिण भारत के ऊटी या मुन्नार जैसी परेशान करने वाली उमस।

बारिश में यहां का मौसम बहुत सुहाना होता है। घने वन के बीच बनी सर्पीली घुमावदार सड़कों से होते हुए यहां तक आना जीवन के श्रेष्ठ अनुभवों में से एक हो सकता है। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से महज 99 और धार से 35 किलोमीटर दूर स्थित मांडू में न तो पहाड़ धंसने का डर है, न नदियों में अचानक बाढ़ आने का भय।

यहां सड़क पर पर्यटकों की गाड़ियों से लगे जाम में फंसकर अपना आनंद खो देने की आशंका भी नहीं। यहां तो प्रकृति सावन की मद्धम फुहारों के बीच, सुबह-शाम के हल्के झुटपुटे में आपको वह आनंद दे सकती है, जो आपके रोम-रोम को पुलकित कर सकता है।

यहां अनेक चीजें करती हैं रोमांचित
आप यहां स्थित जहाज महल को देखें या हिंडोला महल को, नीलकंठ महादेव के दर्शन करें या रानी रूपमती के महल से सुदूर चांदी की पतली लकीर जैसी धवल दिखाई देती मां नर्मदा की जलधारा को, यह सबकुछ आपको रोमांच से भर सकता है।

यहां प्राकृतिक इको पाइंट भी हैं, जहां आप जो भी शब्द बोलेंगे, उस ध्वनि को यहां की पहाड़ियां लौटा देंगी। सैकड़ों तरह की वनस्पतियों से भरे वन आपको लुभाएंगे। यदि आप इतिहास में डूबना चाहते हैं, तो लोहानी की रहस्यमय गुफाएं, नहर झरोखा और सोनगढ़ किला जैसे संरचनाएं रोमांचित कर देंगी।

यदि आप अकेले आ रहे हैं, तो यहां जैसा सुकून कहीं और नहीं। यदि परिवार के साथ आ रहे हैं, तो घूमने-फिरने, फोटो खिंचवाने और यादें समेटने का इससे बेहतर स्थल नहीं। यदि आप लोक-जीवन देखने के शौकीन हैं तो यहां के ग्रामीण चेहरों में आपको भारत की असल झलक दिखेगी। आप ग्राम्य खानपान के शौकीन हैं, तो पेड़ के पत्तों में रखकर सुर्ख अंगारों पर सेंके गए दाल-पानिए आपको सृष्टि के सबसे लौकिक भोजन का आनंद देंगे।

ऐसे पहुंचें मांडू

यह देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के पास है, जहां से सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। ठहरने की ये है व्यवस्था यहां अच्छे होटल हैं। इसके साथ ही इसकी सीमा पर नालछा, तारापुर, पनाला, सुलीबयडी, कालीघाटी, सराय, लुन्हेरा खुर्द, गोलपुरा और फरसपुरा गांव हैं, जहां होम स्टे की सुविधा है।

हवाई मार्ग : समीपस्थ हवाई अड्डा इंदौर में है। यहां से 99 किमी की दूरी पर मांडू है।

रेल मार्ग : दिल्ली-मुंबई मुख्य रेल लाइन पर मांडू से सबसे समीपस्थ रेलवे स्टेशन रतलाम (124 किमी) है। दिल्ली-मुंबई रूट की सभी ट्रेनें यहां रुकती हैं।

सड़क मार्ग : यह इंदौर, रतलाम, धार आदि शहरों से अच्छे सड़क नेटवर्क से जुड़ा है। महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आने वाले श्रद्धालु एक दिन में ही मांडू जा सकते हैं, क्योंकि उज्जैन से मांडू महज 154 किमी दूर है।

Upendra Pandey

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