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Cyber Crime Data Leak: जहां से लीक हुआ डाटा उस कंपनी को भी साइबर ठगी का आरोपित बनाएगी पुलिस

भोपाल :- साइबर ठगी के मामलों पर नियंत्रण के लिए पुलिस अब और सख्ती करने जा रही है। पुलिस अब तक ठगी करने वाले अपराधियों को पकड़ रही थी, लेकिन अब उन्हें डाटा लीक या चोरी करने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।

मध्य प्रदेश पुलिस अब ऐसी कंपनियों और एजेंसियों को भी साइबर ठगी का आरोपित बनाएगी जिनसे लीक हुए डाटा की मदद से उपभोक्ता के साथ ठगी हुई है।

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में साइबर क्राइम सेल ने ठगी के मामलों में जिन आरोपितों को पकड़ा है, उनसे पूछताछ में यह बात सामने आई है कि उनको यह डाटा डार्कवेब (इंटरनेट का वह हिस्सा जहां लोग पहचान और लोकेशन छुपाकर अवैध काम करते हैं) के जरिये मिला है।

कंपनी के कर्मचारी ने चुराया डाटा
पड़ताल में सामने आया कि डार्कवेब पर डाटा उपलब्ध कराने के लिए पेशेवर हैकर कंपनियों के सर्वर को हैक कर उपभोक्ताओं की निजी जानकारी चुरा रहे हैं। कई मामलों में कंपनी का ही कोई कर्मचारी यह डाटा चुराकर डार्कवेब पर उपलब्ध करवा रहा है।

35 से 50 रुपये में बिक रहा डाटा
चोरी किया गया यह डाटा 35 से 50 रुपया प्रति उपभोक्ता की कीमत पर डार्कवेब पर बेचा जा रहा है। पुलिस का मानना है कि अगर कंपनियां डाटा की सुरक्षा के प्रति सजग रहें तो ऐसी चोरी रोकी जा सकती है। साथ ही, उपभोक्ताओं को नुकसान से बचाया जा सकता है।

नए दूरसंचार कानून ने दी ताकत
अब तक जांच एजेंसियां डाटा चोरी के लिए कंपनियों की लापरवाही को जिम्मेदार तो मान रही थीं, लेकिन उन पर कार्रवाई का अधिकार उनके पास नहीं था। नए दूरसंचार कानून ने उनको कार्रवाई की ताकत दी है।

नेशनल ला इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी में साइबर ला के विभागाध्यक्ष प्रो. अतुल पांडेय का कहना है कि साइबर अपराधों में यदि किसी कंपनी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई संलिप्तता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है। आईटी एक्ट की धारा 46 व 66 के अंतर्गत कार्रवाई का प्रविधान है।

डाटा चोरी की होगी रिपोर्ट

नियमानुसार संस्थाओं को अपने यहां एक मुख्य दूरसंचार सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करना होगा। अगर उनके यहां हैंकिंग या 
डाटा चोरी की घटना का पता चलता है तो छह घंटे के भीतर इसकी जानकारी जांच एजेंसियों को देनी होगी।
घटना के 24 घंटे के भीतर चोरी हुए डाटा से प्रभावित उपभोक्ता की जानकारी, भौगोलिक क्षेत्र, इस चोरी का संभावित प्रभाव और उपभोक्ता को किसी अपराध से बचाने के लिए किए जा सकने वाले उपाय सहित बतानी होगी।

Upendra Pandey

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