फर्जी आइटी अधिकारी का सरगना निकला डिप्टी कलेक्टर का आपरेटर
फ्लोरा मैक्स प्राइवेट कंपनी में आयकर अधिकारी (आइटी) बन कर छापा मार कार्रवाई करने वाले ठग गिरोह का सरगना गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) का निकला है। वहां एक डिप्टी कलेक्टर के यहां संविदा में कंप्यूटर आपरेटर के रूप में कार्यरत था। पहले कभी कोरबा में वह रहता था और उसका संपर्क फ्लोरा के एक कर्मचारी से था। उसके साथ मिल कर उसने फर्जी छापेमारी कर लूटने की योजना बनाई थी। हालांकि पुलिस ने अभी षडयंत्रकारी कर्मचारी को आरोपित नहीं बनाया है।
सिटी सेंटर माल में इन दिनों बिग बाजार की तरह फ्लोरा मैक्स का संचालन किया जा रहा है। यहां शुक्रवार को सुबह 11.40 बजे आइटी की टीम बताते हुए सात आरोपितों ने छापामार कार्रवाई के बहाने 2.32 लाख रूपये लूट लिए थे। आइटी की छापेमारी में पुलिस की टीम साथ रहती है, लेकिन ठग गिरोह की यह चूक फ्लोरा के संचालक राजू सिंह को खटक गई और उसने बिना देर किए इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दे दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंचती, इसके पहले ठग गिरोह अपना काम कर चंपत हो गए थे। लेकिन पुलिस की एक टीम उनके पीछे लग गई और दूसरी टीम मौके पर छानबीन करने लगी। इस दौरान जिस स्कार्पियो व कार में आरोपित आए थे, उसका नंबर पुलिस के हाथ लग गया। पुलिस की टीम ने सभी आरोपितों के भागने से पहले मुड़ापार हेलीपेड के पास दबोच लिया। इनके पास से लूट की पूरी रकम, पांच लैपटाप व मोबाइल बरामद किया है। पकड़े गए आरोपितों में गुलशन तोमर 28 साल निवासी लोनी थाना लोनी गजियाबाद (उत्तर प्रदेश), ओम आनंद 26 साल निवासी दर्री पावर सिटी, रोहन मंडल 24 साल निवासी दर्री जयभगवान गली, रामचन्द दलाई 29 साल निवासी मुड़ापार, राजू बजारे 34 साल निवासी पाडीमार डुग्गूपारा, हर्ष दास 18 साल निवासी अमरैयापारा व कृष्णा राजपूत 27 साल निवासी एसईसीएल सुभाष ब्लाक शामिल है। इस गिरोह का सरगना गुलशन ने पुलिस को बताया कि उसने नहीं पकड़े जाने की गारंटी देकर स्थानीय युवकों को लूटपाट के लिए तैयार किया। इसके बदले उसने रूपये देने का लालच दिया था। फ्लोरा मैक्स में कार्यरत उज्ज्वल से उसका पूर्व परिचय है। उसने बताया था कि फ्लोरा में काफी पैसा का आवक- जावक हो रहा और यहां कुछ गड़बड़ है, इस लिहाज से हमने फर्जी छापेमारी की योजना बनाई थी।