छत्तीसगढ़ में दवाओं का टोटा, मुश्किल में टीबी के 12 हजार से ज्यादा मरीज
मध्य प्रदेश में क्षय रोग (टीबी) से पीड़ित 12 हजार से अधिक मरीज दवाओं का स्टाक समाप्त होने से संकट में हैं। प्रदेश में दवा की सप्लाई पूरी तरह ठप हो गई है। सरकारी अस्पतालों में फरवरी से ही टीबी दवाओं की किल्लत शुरू हो गई थी। कुछ समय तक तो अस्पतालों में जैसे तैसे काम चलता रहा, लेकिन पिछले एक माह से दवा बिल्कुल खत्म हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर खरीदी के निर्देश दिए गए हैं। टीबी दवा की किल्लत प्रदेश ही नहीं देशभर में है। टीबी के मरीजों को दी जाने वाली दवाओं की आपूर्ति केंद्र सरकार के टीबी डिविजन द्वारा किया जाता है। वहां से ही दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है।
मध्य प्रदेश में टीबी के 12,730 मरीज हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इनमें से आधे से अधिक ऐसे मरीज हैं, जिनका इलाज प्राइमरी स्टेज पर ही है। दवाओं के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें बैरंग ही लाटना पड़ रहा है। बाजार में भी दवा उपलब्ध नहीं है।
दो हजार से अधिक मरीज तीन से चार माह का कोर्स पूरा कर चुके हैं। इनके इलाज का अंतिम स्टेज चल रहा है, लेकिन इन्हें पिछले एक माह से दवा नहीं मिल रही है। तीसरे माह से शुरू होने वाली थ्री एफडीसी दवा की किल्लत मार्च से ही शुरू हो गई थी।