Monsoon Pet Care: पेट्स के लिए सबसे खतरनाक है बारिश का सीजन, संक्रमण का बढ़ जाता है डर
बारिश के मौसम के दौरान पेट्स की केयर करना सबसे जरूरी है। इस मौसम संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। ऐसे में पेट्स के बीमार होने का खतरा बना रहता है। बारिश में आसमानी बिजली की गड़गड़ाहट वे चिढ़चिढे हो जाते हैं।
HIGHLIGHTS
- बारिश में अगर पेट भीग जाए, तो उसके बालोंं को तुरंत सुखाएं।
- बारिश के सीजन में उन्हें ना नहलाएं, गीले स्पंज से साफ करें।
- पेट बाहर से आए, तो तौलिए से ही उसके पंजों को साफ करें।
इंदौर:- वैसे तो मानसून का मौसम आते ही खुशी से उछल पड़ते हैं। परंतु इस मौसम में बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसकी चपेट में केवल इंसान ही नहीं, बल्कि पालतू जानवर भी आते हैं। पालतू जानवरों में स्किन इन्फेक्शन, एलर्जी या पेट से जुड़ी समस्याएं अधिक देखने को मिलती हैं।
यहां तक कि आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट की आवाज भी पेट्स को चिड़चिड़ा बना देती है। पिछले कुछ सालों में भारत में पेट्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारत में कुल 3.1 करोड़ पेट डाग्स (पालतू श्वान) हैं, जबकि पालतू बिल्लियों की संख्या करीब 25 लाख है।
वेटरनरी डॉक्टर्स की मानें तो बारिश के मौसम ही पेट्स की सबसे ज्यादा केयर करना जरूरी होती है, क्योंकि इसी दौरान उन्हें वाटर बर्न डिजीज, पोडोडर्माटाइटिस और कान के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। पेट्स को एलर्जी, शुष्क त्वचा, खुजली वाली त्वचा, संक्रमण, उल्टी, दस्त जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं।
वेटरनरी डॉक्टर प्रशांत तिवारी ने बताया कि बारिश के दौरान अपने पेट्स को पानी से बचाकर रखना चाहिए। नहलाने से भी परहेज करना चाहिए। हो सके तो गीले स्पंज से ही सफाई करें। अगर बारिश के दौरान पेट्स गीला हो जाता है, तो तुरंत उसके बालों को तौलिया से थपथपाकर सुखाना चाहिए।
स्किन इंफेक्शन का खतरा
वरना जल्द ही वह फंगल और बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन की चपेट में आ जाएगा। जिससे चर्म रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही पेट्स को बाहर टहलाने के बाद पंजे सूखा लें। ऐसा इसलिए क्योंकि हटलते समय पंजे में गंदगी, रोग पैदा करने वाले वायरस, बैक्टीरिया आदि चिपक जाते हैं, जो बाद में गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। इसलिए बाहर से आने के बाद सूखे तौलिये से पंजों का साफ करें।
घास और झाड़ियों से दूर रखें
- बारिश में घास और झाड़ियों में पिस्सू, कीट आदि सूक्ष्म परजीवी हो जाते हैं।
- इन खतरनाक परजीवियों से पेट्स में गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं।
- अपने पेट्स को घास, झाड़ियों आदि में जाने से बचाना चाहिए।
- जहां पेट्स सोते हैं, उस जगह को साफ व सूखा रखें।
- पिस्सू, मच्छर और अन्य कीड़े उनके आसपास ना आ पाएं।
- पेट्स को हल्का, जल्दी पचने वाला और ताजा खाना देना चाहिए।
- शाम के खाने के बाद उन्हें हटलाने के लिए जरूर जाएं।
- कृमि संबंधी बीमारियों और श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- बरसात शुरू होने से पहले अपने पेट्स को दवाएं व वैक्सीन जरूर लगवाएं।