स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं के लिए तड़पते मरीज और स्टोर में एक्सपायर होता स्टाक, सरकारी व निजी सप्लाई की है दवाएं
सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान तो हुआ ही साथ ही मरीजों को वह दवाएं भी उपलब्ध नहीं हो सकीं, जिनकी उन्हें आवश्यकता थी। जब यह दवाएं स्टोर में एक्सपायर हो गईं तो उन्हें सीएमएचओ कार्यालय की छत पर छिपाकर रख दिया गया है।
HIGHLIGHTS
- मरीजों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा है खिलवाड़
- एक्सपायर दवांए स्टोर से हटाकर अब छत पर छिपाई
- सरकारी व निजी सप्लाई की दवाएं है सारी
शिवपुरी :- स्वास्थ्य विभाग में पिछले कई सालों से सब कुछ अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर चल रहा है। विभाग में फर्जी नियुक्ति, फर्जी भुगतान जैसे तमाम कारनामों के मामले तो सामने आते ही रहे हैं। इसके अलावा विभाग में पूर्व में दवाओं का स्टोर का काम संभाल रहे कर्ताधर्ताओं ने जरूरत न होने के बावजूद भी दवाओं की खरीदी की, ताकि उन्हें मोटा कमीशन मिल सके।
इससे सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान तो हुआ ही साथ ही मरीजों को वह दवाएं भी उपलब्ध नहीं हो सकीं, जिनकी उन्हें आवश्यकता थी। जब यह दवाएं स्टोर में एक्सपायर हो गईं तो उन्हें सीएमएचओ कार्यालय की छत पर छिपाकर रख दिया गया है।
इंजेक्शन, दवाएं और आरएल वाटलों का भंडार नईदुनिया को जब विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से इस बात की जानकारी लगी कि सीएमएचओ कार्यालय की छत पर एक्सपायर दवाओं को छिपाकर रखा गया है तो नईदुनिया ने मौके पर जाकर मामले की पड़ताल की।
हजारों की संख्या में आरएल वाटलें, इंजेक्शन और कई अन्य दवाएं रखी हुई थीं
इन दवाओं में सरकारी सप्लाई के साथ-साथ निजी सप्लायरों से खरीदी दवाएं भी शामिल हैं। जो दवाएं एक्सपायर होकर छत पर खराब हो रही हैं उनकी कीमत लाखों रुपये में है। जो एक्सपायर दवाएं छत पर छिपा कर रखी गईं हैं, उनमें वर्ष 2017, 2019, 2021 व 2023 की एक्सपायर दवाएं शामिल हैं।
स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं भेजी गईंविभाग के सूत्रों की मानें तो यह सभी दवाएं जिले भर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजी जानी थीं, परंतु दवाएं स्वास्थ्य केंद्रों पर सिर्फ कागजों में भिजवाई गईं, वास्तविकता में नहीं। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि अगर पिछले कुछ सालों के दवा स्टाक का मिलान पूरी ईमानदारी से कर लिया जाए तो करोड़ों रुपये का घोटाला खुद व खुद उजागर हो जाएगा।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो कुछ साल पहले तक तो दवाएं सिर्फ कागजों में आईं और कागजों में ही सप्लाई तक हो गईं। धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ। सब कुछ मोटा मुनाफा और कमीशन के लिए जिम्मेदारों द्वारा साठगांठ करके किया गया। -मुझे बताया गया है छत पर सिर्फ ड्रिप बाटल रखी हुई हैं जो गलत आ गई थीं। इस संबंध में कंपनी को कई पत्र लिखे परंतु वह वापस नहीं हो पाईं। अगर अन्य कोई दवाएं भी वहां पर एक्सपायर रखी हैं तो मैं पता कर लेता हूं। इसी के बाद कुछ बता पाऊंगा। डॉ. पवन जैन, सीएमएचओ, शिवपुरी।