हमने पूरी रात जागकर गुजारी… इजरायल में भारतीयों की बढ़ती चिंता, हजारों कामगारों की वापसी में हो सकती है देरी!
इजरायल ने ईरानी हमले के बाद इसका जवाब देने की बात कही है। ईरान की ओर से सीरिया में अपने दूतावास पर हमला के बाद से ही आक्रामकता दिखाई जा रही है। माना जा रहा है कि इस बार किसी देश की ओर से हमला एक पूर्ण युद्ध की शुरुआत हो सकता है।
इजरायल में हुए ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमलों ने वहां रहने वाले भारतीयों की भी चिंता बढ़ा दी है। इस हमले के बाद भारत ने स्थिति नियंत्रण में आने तक निर्माण श्रमिकों के दूसरे बैच को इजरायल नहीं भेजने का फैसला लिया है। 18,000 से ज्यादा भारतीय इजरायल में काम करते हैं, इनमें से ज्यादातर मजदूर हैं। दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए समझौते के तहत 1,500 भारतीय कामगारों को इजरायल जाना है। भारत से 2 अप्रैल को 65 कामगारों का पहला बैच इजराइल जा चुका है। अब दूसरा बैच इजरायल भेजा जाना है लेकिन जो हालात हाल के समय में बने हैं, उससे कई तरह की चिंताएं उभरी हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी दूसरे देश के मजदूरों को भी इजरायली नागरिकों की तरह से ही सुरक्षित रखने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इजरायल की राजधानी तेल अवीव में रह रहे केरल के जोसेफ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘ईरान की ओर से हमले के बाद सभी निवासी अलर्ट पर थे। हमसे कहा गया कि जब हम मिसाइल हमलों की चेतावनी देने वाले सायरन सुनें तो तुरंत घरों में लौट जाएं। फिलहाल स्कूल बंद कर दिए गए हैं और कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है।’
इजरायल में रहने वाले भारतीय बोले- जागकर काटी रात
कृषि वीजा पर इजरायल गए दिलीप बाबू ने कहा कि ईरान के हमले के बाद टेंशन काफी ज्यादा बढ़ गई। उन्होंने कहा, ‘पिछली रात हमें नींद नहीं आई। हम सभी हवाई हमले को लेकर चिंतित थे। रातभर हम जागते रहे और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक-दूसरे से संपर्क कर हालचाल लेते रहे।’ उन्होंने कहा कि लेबनान की सीमा से लगे इलाकों में काम करने वाले भी चिंतित हैं। हालांकि हम सभी को इजराइल की सुरक्षा प्रणाली और आयरन डोम पर भरोसा है। हम देख रहे हैं कि आयरन डोम से मिसाइलों को नाकाम किया गया।
इजरायल में भारतीय दूतावास ने रविवार को एक सलाह जारी करते हुए भारतीय नागरिकों को शांत रहने और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा है। वहीं भारत ने निर्माण श्रमिकों को इजरायल भेजने पर फिलहाल रोक लगा दी है लेकिन अनुमान है कि इजरायल की ओर से 15,000 श्रमिकों की मांग की जाएगी। बड़ी संख्या में काम से निकाले गए फिलिस्तीनियों के स्थान पर भारतीय श्रमिकों को काम पर रखा जाएगा।