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माइकल वॉन हॉक-आई सिस्टम पर ज्ञान दे रहे थे की फिर बेइज्जती हो गई! मालिक ने बोलती बंद की

हॉक-आई के मालिक ने उनके सिस्टम पर सवाल उठाने वाले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन की कड़ी आलोचना की है। माइकल वॉन ने भारत के खिलाफ जो रूट पर दिए गए फैसले पर सवाल उठाए थे।

क्रिकेट टेक्नॉलॉजी ‘हॉक-आई’ के संस्थापक पॉल हॉकिन्स ने इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी माइकल वॉन की आलोचना की है। वॉन ने भारत के खिलाफ रांची टेस्ट में जो रूट के विवादास्पद आउट को लेकर हॉक-आई पर टिप्पणी की थी। दूसरी पारी के दौरान, रविचंद्रन अश्विन की गेंद रूट के पैड से टकराई, लेकिन अंपायर एलबीडब्ल्यू की अपील से सहमत नहीं हुए। भारत ने रिव्यू लिया। हालांकि ऐसा लगा कि गेंद ज्यादातर लेग-स्टंप के बाहर से पिच हुई थी, लेकिन हॉक-आई ने इसे आउट करार दिया।

कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट्स और फैंस इस फैसले से खुश नहीं थे। वॉन ने हॉक-आई सिस्टम में अधिक पारदर्शिता की मांग की ताकि दर्शकों को भी यह देखने को मिले कि ट्रैकिंग प्रक्रिया के दौरान क्या होता है और कैसे किसी रिव्यू पर फैसला दिया जाता है। माइकल वॉन के इसी टिप्पणी पर पॉल हॉकिन्स ने जवाब दिया है।

हॉक-आई के संस्थापक हॉकिन्स ने बताया कि डीआरएस के दौरान हॉक-आई टेक्नॉलॉजी वास्तव में कैसे काम करती है और पारदर्शिता बनाए रखने और गलतियों को कम करने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘हर दिन, स्टंप की चौड़ाई नापी जाती है। यह एक सिस्टम में फीड किया जाता, इसलिए आप असली चौड़ाई के आधार पर काम कर रहे हैं। इसलिए आप उस वातावरण के लिए सिस्टम को कैलिब्रेट करते हैं, जहां यह मौजूद है।’

उन्होंने आगे कहा, “गुणवत्ता नियंत्रण के मामले में एक अच्छी प्रक्रिया विकसित हुई है। एक वैन कैमरा होता है जिससे ट्रैकिंग सिस्टम का एक स्वचालित स्क्रीनग्रैब लिया जाता है और यह स्वचालित रूप से आईसीसी को चला जाता है। हालांकि यह प्रसारण पर कभी नहीं जाएगा क्योंकि उन स्क्रीनग्रैब में बहुत सारी बौद्धिक संपदा होती है, लेकिन यह आंतरिक गुणवत्ता नियंत्रण के लिए है। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि टेक्नॉलॉजी प्रदाता सटीक जवाब दे रहे हैं।’

माइकल वॉन पर हॉकिन्स ने साधा निशाना
हॉकिन्स ने खासकर वॉन के सुझाव पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और पूर्व खिलाड़ी के दुर्भाग्यपूर्ण विचार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कमेंट्री थोड़ी मिसलेड है। वॉन की बात दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि जाहिर तौर पर वह एक शानदार खिलाड़ी थे, उन्हें खेलते हुए देखने में बहुत मजा आया, और वह एक बेहतरीन कमेंटेटर हैं, बहुत मनोरंजक हैं। लेकिन मुझे लगता है कि पत्रकारिता के मामले में खेल के प्रति एक जिम्मेदारी है। शायद एक पत्रकार के रूप में उनकी भूमिका के बारे में थोड़ी अधिक तैयारी क्रिकेट के बड़े फैंस बेस को यह समझाने में उनकी मदद कर सकती है कि जो वह लिख रहे हैं वह तथ्यात्मक रूप से सही है। जिस तरह हॉक-आई पर तथ्यात्मक रूप से सही होने का दायित्व है, शायद पत्रकारों पर भी हो।’

Upendra Pandey

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