देश के 5 शहर, 2 करोड़ 76 लाख 60 हजार रुपए की ठगी… धमकी सिर्फ एक- ‘नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस’
ग्वालियर:- डिजिटल अरेस्ट…इस समय साइबर ठगी का सबसे बड़ा तरीका यही है। इसमें सरकारी अफसर, डॉक्टर, इंजीनियर, सेना, पुलिस अफसर, कारोबारी तक ठगे जा रहे हैं। एक बार में लाखों-करोड़ों रुपये की ठगी करने वाली इस गैंग ने देशभर में पिछले कुछ दिनों में करोड़ों रुपये की ठगी कर डाली।
साइबर ठगों ने लोगों के जीवन भर की कमाई लूटने के लिए सहारा भी देश के सबसे चर्चित मनी लॉन्ड्रिंग केस का लिया। यह केस है जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस का।
ग्वालियर, वाराणसी, मुंबई, इंदौर, लखनऊ सहित देश के कई बड़े शहरों के पढ़े-लिखे लोगों को नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में नाम होने की धमकी देकर ही फंसाया गया। नईदुनिया ने जब अलग-अलग शहरों में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की घटनाओं की केस स्टडी की, तब यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया।
सभी में ठगों ने नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस का ही हवाला देकर डिजिटल अरेस्ट किया। जिस केस के जरिये डरा-धमकाकर डिजिटल अरेस्ट किया, वह तो असली था ही, लेकिन एफआईआर, गिरफ्तारी वारंट सहित अन्य दस्तावेज नकली।
ग्वालियर, वाराणसी, मुंबई, इंदौर, लखनऊ… एक जैसी कहानी
- ग्वालियर (9 अक्टूबर 2024): तानसेन नगर निवासी वकील जगमोहन श्रीवास्तव को पहले बीएचएल कूरियर कंपनी से कॉल आया। उनके नाम से बीजिंग में पार्सल बुक होने की बात कही गई। फिर ठग ने कहा कि पार्सल में एनडीएन ड्रग मिला है। फिर सीबीआइ अफसर से काल जोड़ा गया, उनका नाम नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में होने की बात कहकर 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा। 16 लाख रुपये ठगे गए।
- इंदौर (27 नवंबर 2024): इंदौर में रहने वाले कारोबारी की बहू वंदना गुप्ता के पास कॉल आया। काल करने वाले ने धमकाया कि उनका नाम जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में शामिल है। उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर 1.60 करोड़ रुपये की ठगी की गई।
- वाराणसी (11 नवंबर 2024): बनारस के आशापुरा सारनाथ के माधव नगर कालोनी निवासी रिटायर्ड नेवी अधिकारी अनुज कुमार और उनकी पत्नी रीना कुमारी को नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसा होना बताकर 11 नवंबर से तीन दिसंबर तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। उनसे 98 लाख रुपये की ठगी हुई।
- मुंबई (26 नवंबर): मुंबई की रहने वाली एक महिला फार्मा कंपनी में काम करती है। उनके मोबाइल पर कॉल आया। उन्हें नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसा होना बताकर धमकाया गया। उनसे कपड़े तक उतारने के लिए कहा गया। डिजिटल अरेस्ट कर 1.70 लाख रुपये ठगे गए।
- लखनऊ (16 अगस्त): लोहिया इंस्टीट्यूट की डेंटिस्ट डॉ. रूबी थॉमस के पास काल आया। काल करने वाले ने कहा कि उनका नाम नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में है। उन्हें पांच घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 90 हजार रुपए ठगे। ठगों ने यह तक कहा कि उनका झगड़ा नरेश गोयल से हुआ था, इस दौरान उनके पैर में गोली लगी थी। बॉडी सर्च के नाम पर कपड़े तक उतारने पर मजबूर किया।
समझिये…चर्चित केस का हवाला क्यों
जानकार बताते हैं- ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि यह ऐसे मामले रहते हैं जो लोगों को याद रहते हैं। इतने बड़े मामले में बड़े-बड़े लोग जब जेल जा सकते हैं तो सामान्य व्यक्ति अपनी छवि धूमिल होने, समाज में बदनामी होने से डरता है।
उन्हें लगता है, जब इतने दिग्गज लोग जेल जा सकते हैं तो उनका नाम अगर जुड़ा है तो वह नहीं बचेंगे। साइबर ठगों का तरीका इतना शातिर होता है, वह पुलिस अधिकारी की तरह ही बात करते हैं। वर्दी में होते हैं, केस असली होता है, एफआइआर, वारंट भी भेजे जाते हैं। अंतत: लोग भ्रम में पड़ जाते हैं।