उदयातिथि में पुष्य नक्षत्र के होने से आज भी खरीदी है फलदायी
इंदौर :- गुरुवार के बाद आज शुक्रवार को भी नक्षत्रों का राजा पुष्य दोपहर 12.27 बजे तक रहेगा। ज्योतिर्विदों के मुताबिक देवी लक्ष्मी के प्रिय दिन शुक्रवार को उदयातिथि में पुष्य नक्षत्र होने से दिनभर खरीदारी शुभ फलदायी रहेगी।
इसमें सोना-चांदी, भूमि-भवन के साथ ही वाहन और इलेक्ट्रानिक सामग्री सहित सभी प्रकार की खरीदी सुख-सौभाग्य देने वाली रहेगी। ज्योतिर्विद् विनायक तिवारी के अनुसार पुष्य नक्षत्र में नवीन कार्य की शुरुआत करना भी शुभ फलदायी माना गया है।
पुष्य नक्षत्र का है आठवां स्थान
ज्योतिषीय गणना में पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि और उपस्वामी बृहस्पति है। पुष्य का 27 नक्षत्रों में आठवां स्थान है। इसके शुभ प्रभाव के कारण इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इसके बहुत से सूक्ष्म तारे हैं।
इसमें तीन तारे मुख्य हैं जो एक तीर की आकृति के समान आकाश में दिखाई देते हैं। इसके तीर की नोंक कई बारीक तारा समूहों के गुच्छ या पुंज के रूप में दिखाई देती है। आकाश में इसका गणितीय विस्तार 3 राशि 3 अंश 20 कला से 3 राशि 16 अंश 40 कला तक है।
अब खरीदी का दूसरा महामुहूर्त धनतेरस पर 29 अक्टूबर को
गुरु पुष्य के बाद अब महालक्ष्मी पूजन से दो दिन पहले धनतेरस पर 29 अक्टूबर को खरीदी का महामुहूर्त रहेगा। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन के साथ विभिन्न चल-अचल संपत्ति की खरीदारी तीन गुना लाभ प्रदान करेगी। इस मौके पर जमकर खरीदी होगी। वहीं, भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, कुबेर के पूजन के साथ ही अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए यम दीपदान भी होगा।
लाभ : प्रात: 7.52 से 9.17 बजे
अमृत : प्रात: 9.17 से 10.41 बजे
शुभ : दोपहर 12.05 से 1.29 बजे
चर : सायं 4.17 से 5.41 बजे
पुष्य नक्षत्र में हुई सोने-चांदी सहित वाहनों की खरीदी
पुष्य नक्षत्र में सभी तरह की वस्तुए खरीदना शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र अगर गुरुवार को हो तो इसे गुरु-पुष्य नक्षत्र कहते हैं, इस दौरान सोना खरीदना सबसे फलदायी माना जाता है। गुरुवार को पुष्य नक्षत्र में बाजार में जमकर खरीददारी हुई। सराफा बाजारों में लोग सोना-चांदी खरीदने पहुंचे, वहीं कई लोगों ने इसी दिन नए वाहन भी खरीदे। इस दौरान बाजारों में करोड़ों रुपये की खरीददारी हुई है।