टीकाकरण और वाहन सीज करने का मैसेज या कॉल आए, तो रहें अलर्ट… एमपी में ऐसे भी हो रही ठगी
भोपाल:- ठग उन विषयों पर लोगों को गुमराह कर ठगने की कोशिश करते हैं, जो उन दिनों चर्चा में होते हैं। मध्य प्रदेश में ऐसे ही मामले देखने को मिल रहे हैं।
कोविड व अन्य बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण करने के लिए फोन आते हैं। वह पहले तो आधार नंबर मांगते हैं। ठग खुद को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी बताते हैं। आधार और पैन पंजीयन के नाम पर ओटीपी पूछकर ठगी कर लेते हैं। कोविड के बाद से इस तरह की ठगी बढ़ी है।
लोन नहीं चुकाने के नाम पर वाहन सीज करने वाले काल या मैसेज
- लोन नहीं चुकाने के नाम पर वाहन सीज करने वाले काल या मैसेज के माध्यम से भी ठग जानकारी लेकर खाते से राशि निकाल ले रहे हैं। मल्टीलेवल मार्केटिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, वाईफाई उपयोग, झूठे लोन ऑफर, क्रेडिट कार्ड एक्टिव करने या इसकी सीमा बढ़ाने के नाम पर भी ठगी हो रही है।
- अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (साइबर) योगेश देशमुख ने बताया कि ठगी के नए-नए तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जाती है। इसमें यह बताया जाता है कि क्या करें और क्या ना करें। किस तरह के काल मैसेज और ईमेल से सावधान रहें।
- योगेश देशमुख के अनुसार, इसके बाद भी कुछ लोग ठगों की लुभावनी बातों में आ जाते हैं। शिकार होने वालों में महिलाएं और सीनियर सिटीजन ज्यादा हैं। इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक ने भी हाल ही में 40 काल्पनिक कहानियों वाली पुस्तक जारी कर लोगों को आगाह करने की कोशिश की है।
मध्य प्रदेश में इस तरह से ठगे जा रहे हैं लोग
लोन के लिए आवेदन करने वाले लोगों का डाटा लीक होकर ठग के पास पहुंच जाता है। ठग अन्य जगह से लगभग आधी दर में कर्ज दिलाने का भरोसा दिलाते हैं। लोग कर्ज के लिए उन्हें अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बता देते हैं।
लोन स्वीकृत नहीं होने के बाद भी अगले महीने से किस्त देने के मैसेज आने लगते हैं। इनमें कई लोग डर के मारे किस्त भरना शुरू कर देते हैं।
आपने किसी बैंक से वाहन या अन्य काम के लिए कर्ज लिया है तो उसकी जानकारी जालसाजों तक पहुंच जाती है। ठग रिकवरी एजेंट बनकर फोन करते हैं। लोगों को डराकर राशि ले लेते हैं। ऐसे फोन काल से डरे नहीं। पुलिस में शिकायत करें।
सरकारी योजनाओं में लाभ और सब्सिडी दिलाने के नाम पर आने वाले फोन काल से भी सतर्क रहने की जरूरत है। ठग इसके बहाने लोगों की जरूरी जानकारी लेकर ठगी कर लेते हैं।
वर्क फ्रॉम होम के लिए ठग अच्छी खासी सैलरी देने का वादा करते हैं। इसके लिए वह कुछ सुरक्षा निधि जमा करने की मांग करते हैं। लोग उनके भरोसे में आकर राशि जमा कर देते हैं। इसके बाद और राशि के लिए ठग पुलिस या वकील बनकर डराते हैं।