देश में रिफॉर्म से लेकर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई तक… महिलाओं, दलितों और आदिवासियों पर क्या बोले पीएम मोदी
78 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश को संबोधित किया। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य गिनाए। साथ युवाओं, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और वंचितों की समस्याओं को कई बार दोहराया। इस दौरान पीएम मोदी ने पुरानी सरकार के दौरान लोगों द्वारा उठाई समस्याओं का जिक्र किया। पीएम ने प्राकृतिक आपदाओं को लेकर चिंता जाहिर की। साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा और यूसीसी (Uniform Civil Code) पर भी बात रखी।
पीएम मोदी का संबोधन
स्वतंत्रता संंग्राम सेनाओं के संघर्ष को किया याद
आज वो शुभ घड़ी है, जब हम देश के लिए मर मिटने वाले, देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी की तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय का नारा लगाने वाले अनगिनत वीरों को हम नमन कर रहे हैं।
आजादी के दीवानों ने हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है। ये देश उनका ऋणी है। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धाभाव व्यक्त करते हैं।
सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा। युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हों, वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी।
प्राकृतिक आपदा पर
इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंता बढ़ रही है। प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं, संपत्ति खोई है। मैं आज उन सब के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और विश्वास दिलाता हूं, देश इस संकट की घड़ी में उन सबके साथ खड़ा है।
विकसित भारत पर
विकसित भारत 1947, ये सिर्फ भाषण के शब्द नहीं है, इसके लिए कठिन परिश्रम चल रहा है। इसके लिए हमने देशवासियों से सुझाव मांगे। हर देशवासी का सपना इसमें झलकता है।