लगातार पैर पसार रहा डेंगू… मध्य प्रदेश के देवास जिले में 4 माह में मिले 50 मरीज
जिला मलेरिया कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार देवास जिले में सर्वाधिक अधिक मरीज टोंकखुर्द, खातेगांव, बागली विकासखंड में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग बुखार के अधिक मरीज मिलने वाले क्षेत्रों में लार्वा सर्वे व फीवर सर्वे करवा रहा है।मरीजों की जांच भी की जा रही है।
HIGHLIGHTS
- कन्नौद में डेंगू के तीन नए मरीज होने की पुष्टि।
- एक-एक मरीज देवास, सोनकच्छ व बरोठा में।
- अधिकांश मरीज उपचार के बाद हुए स्वस्थ।
देवास:- सामान्यत: बारिश के सीजन मेंं पैर पसारने वाला डेंगू इस साल भीषण गर्मी के दौर में शुरू हो गया था। धीरे-धीरे इसका दायरा अंचल के हिस्सों में लगातार बढ़ता रहा है। तीन नए मरीजों की पुष्टि हुई हुई है जो कन्नौद के निवासी हैंं। अप्रैल से लेकर अगस्त के पहले सप्ताह तक जिले में डेंगू के पुष्ट हुए मरीजों की संख्या 50 पर पहुंच गई है।
उपचार के बाद स्वस्थ हुए मरीज
काफी संख्या में मरीज ऐसे भी हैं जो उपचार के बाद स्वस्थ हो गए हैं, लेकिन उनकी डेंगू की जांच नहीं हो पाई है। पिछले साल जुलाई से लेकर जनवरी माह तक कुल 77 मरीज डेंगू के मिले थे, ऐसे में इस साल मरीजों की संख्या काफी ज्यादा होने की आशंका है।
- हर साल की तरह इस साल भी कई मरीज ऐसे सामने आए हैं जो आसपास के जिलों के निवासी हैं।
- बुखार आने के बाद इनको उपचार के लिए देवास के निजी व सरकारी अस्पताल में लाया गया था।
- तीन नए मरीज जो कन्नौद के पाॅजिटिव मिले हैं वो यहां इस सीजन में पहली बार मिले हैं।
- इससे पहले खातेगांव, टोंकखुर्द ब्लाॅक में काफी संख्या में मरीज मिल चुके हैं। इनमें से दो गांव हाटस्पाट भी रह चुके थे।
- अभी तक गनीमत यह है कि किसी भी मरीज की डेंगू के कारण स्थिति अति गंभीर नहीं हुई है।
टोंकखुर्द, खातेगांव, बागली विकासखंड में ज्यादा मरीज
जिला मलेरिया कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल से 6 अगस्त तक सबसे अधिक मरीज टोंकखुर्द, खातेगांव, बागली विकासखंड में मिले हैं। टोंकखुर्द में 11, खातेगांव में 14, बागली विकासखंड में मरीजों की संख्या 15 है। वहीं बरोठा, देवास व सोनकच्छ में एक-एक मरीज की पुष्टि हुई है। तीन अन्य मरीज आसपास के जिलों के हैं।
5-5 सदस्यों की दो टीमें लगाई लार्वा व फीवर सर्वे में
इस साल गर्मी से ही डेंगू की दस्तक के बाद स्थानीय मलेरिया विभाग द्वारा भोपाल से अतिरिक्त टीम की मांग की गई थी। इसके बाद करीब एक दर्जन कर्मचारी उपलब्ध करवाए गए थे। इनमें से 5-5 की दो टीमें बनाकर बुखार के अधिक मरीज मिलने वाले क्षेत्रों में लार्वा सर्वे व फीवर सर्वे करवाया जा रहा है। इसके साथ ही रेपिड किट द्वारा कर्मचारी डेंगू की जांच भी लगे हाथ कर रहे हैं।