मध्यप्रदेश

CM Chauhan : Ujjain में सुजलाम सम्मेलन CM Shivraj ने कही ये बात….

उज्जैन, 28 दिसंबर। CM Chauhan : धार्मिक नगरी उज्जैन में जल की पवित्रता पर भारतीय और देशज विमर्श तैयार करने और इसके वैज्ञानिक पहलुओं को विश्व पटल पर रखने के लिये मप्र जनअभियान परिषद द्वारा आयोजित पंच महाभूतों (आकाश, जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी) को समर्पित तीन दिवसीय सुजलाम कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन 

इन्दौर रोड के मालगुड़ी डेज रिसोर्ट में किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत, राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, स्‍वामी अदृश्य कागसिध्‍देश्‍वर महाराज द्वारा आम के पेड़ पर 313 नदियों से एकत्रित किये गये जल को अर्पित कर किया गया।

भारतीय संस्कृति एकात्मतावादी है

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्बोधित करते हुए कहा कि, भारतीय संस्कृति एकात्मतावादी है। विश्व में जब कई सभ्यताएं मिट रही थी, तब हमारे देश में वेदों की ऋचाएं रची जा रही थी। वसुधैव कुटुंबकम हमारी धरती से ही उपजा है। सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया के सूत्र वाक्य से हमारे ऋषि-मुनियों ने 

बताया है कि विश्व में किस तरह से सुख और शान्ति से रहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि, हमने प्रकृति का शोषण कर प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ दिया है। समझदारी के साथ संसाधनों का दोहन करना ही इस सृष्टि की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि आज सुजलाम सम्मेलन में जल तत्व के बारे में जो विचार एवं कार्य योजना बनेगी, उसी पर प्रदेश सरकार कार्य करेगी।

इसी के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, मध्य प्रदेश की धरती पर हमने जल संरक्षण का प्रयास किया है और विगत वर्षों में चार लाख से अधिक जल संरचनाएं तैयार की गई हैं। प्रदेश की जनअभियान परिषद ने 313 नदियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है। 

मुख्यमंत्री ने आव्हान किया है कि पानी का संतुलित उपयोग करें, पानी को बचायें, आर्गेनिक खेती करें व पर्यावरण को बचायें। श्री चौहान ने कहा कि धरती को बचाना ही होगा, तभी हमारा अस्तित्व बचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचभूतों का संतुलन यदि नहीं रहेगा तो धरती का संतुलन बिगड़ जायेगा।

grabaticindia

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button