दुर्ग के दो भाईयों की रातों-रात बदली जिंदगी तो ACB-EOW को हुआ शक, जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच
महादेव सट्टा की जांच कर रही एसीबी-ईओडब्ल्यू को किसान परिवार के यामंत और ओमप्रकार के बड़े लेन-देन का पता चला। उनके माध्यम से होने वाले पैसों का ट्रांजेक्शन देखकर ही पड़ताल की गई। सीधा लिंक सौरभ चंद्राकर से मिलने के बाद ईओडब्ल्यू और रायपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से उनकी तलाश शुरू की।
HIGHLIGHTS
- ईओडब्ल्यू का दुर्ग में छापा, दो सगे भाइयों को किया था गिरफ्तार l
- आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल से पुलिस को मिली जानकारीl
- यामंत के पास से संयुक्त अरब अमीरात का आई कार्ड मिला है।
रायपुर :- पुलिस ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में छापामार कार्रवाई कर महादेव सट्टा एप से जुड़े दो सगे भाइयों, यामंत चंद्राकर और ओमप्रकाश चंद्राकर को गिरफ्तार किया है। इनके पास से जब्त किए गए मोबाइल से पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। आरोपित यामंत दो वर्ष से दुबई में रहता था। यह महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर का करीबी बताया जा रहा है।
आरोपी यामंत ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह पूर्व में दुबई में रहकर महादेव सट्टा एप चलाने का काम करता था। वहां से लौटने के बाद वह छत्तीसगढ़ में काम कर रहा था। यामंत के पास से यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) का आई कार्ड मिला है। कार्ड की वैधता 16 नवंबर 2022 से 15 नवंबर 2024 तक की है। ओमप्रकाश भी पूर्व में महादेव सट्टा एप संचालित करने यूएई में रहता था।
एसीबी-ईओडब्ल्यू कर रही जांच
महादेव सट्टा की जांच कर रही एसीबी-ईओडब्ल्यू को सबसे पहले दोनों भाईयों के बड़े लेन-देन का पता चला। उनके माध्यम से होने वाले पैसों का ट्रांजेक्शन देखकर ही पड़ताल की गई। सीधा लिंक सौरभ चंद्राकर से मिलने के बाद ईओडब्ल्यू और रायपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से उनकी तलाश शुरू की थी। इस मामले में कुछ और लोगों का नाम सामने आया है। उन्हें ट्रैक किया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि इसमें जल्द कुछ लोगों की गिरफ्तारी होगी।
किसान परिवार से हैं दोनों
दोनों भाई सामान्य किसान परिवार से हैं। तीन वर्ष से महादेव सट्टा से जुड़े हैं।
इसके बाद रहन-सहन बदल गया। थार जैसी कई महंगी गाड़ियां इनके पास हैं।
सट्टे की रकम से प्रापर्टी खरीदी है। इसकी भी जांच जारी। बैंक खाते खंगाले जा रहे।
दुबई में बैठे लोगों से सीधे बात
यामंत का सिम कार्ड शुभम के नाम से है। यूएई का नंबर है। वाट्सएप ग्रुप में लोग उसे जड्डू के नाम से जानते हैं। उसका काम यहां सट्टे की रकम का बैंक डिपाजिट करने के साथ विथड्राल करने का है। महादेव सट्टे के पैसों का पूरा लेन-देन वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से चलता है। इसके लिए वह रोजाना दुबई में बैठे लोगों से बात करता था।