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भोपाल में जमकर बारिश से कई इलाकों में भरा पानी, 20 परिवारों को किया गया रेस्क्यू… पेड़ भी गिरे

भोपाल में भारी बारिश के चलते करोंद, कोलार, गांधी नगर, बैरागढ़, हर्षवर्धन नगर, नेहरू नगर, जहांगीराबाद सहित 20 से ज्यादा इलाकों में जल भराव की स्थिति बनी। डीआइजी बंगला, सिंधी कालोनी, भोपाल टाकीज, अल्पना तिराहा और नादरा बस स्टैंड इसरानी मार्केट तिराहे पर दो से तीन फीट पानी भर गया जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। जबकि निचली बस्तियों में घरों में एक से दो फीट पानी घरों में भर गया।

HIGHLIGHTS

  • समरधा स्थित निचली बस्ती से परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
  • पुलिस, प्रशासन, नगर निगम और एसडीईआरएफ की टीम ने संभाला मोर्चा।
  • कोलार के दामखेड़ा में दस परिवारों को सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया गया।

भोपाल:- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात से हो रही लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शहर के कई नाले और नालियां उफान पर हैं तो सड़कों पर जलभराव हो गया। इसके चलते शुक्रवार को दिनभर यातायात भी प्रभावित रहा। कई इलाकों में ट्रैफिक जाम के हालात बने। घंटों तक वाहन रेंगते रहे। इससे लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में देर हो गई। वहीं निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। कई घरों में पानी घुस गया। लिहाजा, नगर निगम की टीमें देर रात तक इलाकों में राहत कार्य में जुटी रहीं।

20 ज्यादा इलाकों में जलभराव की स्थिति

करोंद, कोलार, गांधी नगर, बैरागढ़, हर्षवर्धन नगर, नेहरू नगर, जहांगीराबाद सहित 20 से ज्यादा इलाकों में जल भराव की स्थिति बनी। डीआइजी बंगला, सिंधी कालोनी, भोपाल टाकीज, अल्पना तिराहा और नादरा बस स्टैंड इसरानी मार्केट तिराहे पर दो से तीन फीट पानी भर गया जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। जबकि निचली बस्तियों में घरों में एक से दो फीट पानी घरों में भर गया। वहीं निशातपुरा, छोला, पुल पातरा, रचना नगर और हबीबगंज अंडरब्रिज पानी से लबालब हो गए। जिससे अंडरब्रिज से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। इसके अलावा इंदौर भोपाल मार्ग पर भी पानी भर गया था। वहीं बैरागढ़ कलां, भौंरी सहित आसपास के गांव में नालियों पर कब्जा होने से घुटनों तक पानी भर गया।

ऐसे शहर के हालात

  • भोपाल नगर निगम कॉल सेंटर सहित निगम आपात नियंत्रण कक्ष में महज दस शिकायतें पहुंचीं। इनमें छह शिकायतें जलभराव और एक शिकायत पेड़ गिरने की थी।
  • सेफिया कॉलेज रोड पर चार फीट से ज्यादा पानी भर गया, जिससे ट्रैफिक रोकना पड़ा। पानी राजाजी का कुआं स्थित मकानों में भर गया।
  • भोपाल टॉकीज-बाल विहार रोड पर करीब एक फीट पानी भर गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि यहां रखी अलमारियां, बक्से व अन्य सामान बहने लगा।
  • सिंधी कॉलोनी चौराहा पर करीब डेढ़ से दो फीट पानी भर गया, जो ट्रैफिक जाम की वजह बना। करीब एक घंटे तक यहां जाम रहा।
  • श्यामला हिल्स, 74 बंगला इलाके और अभिव्यक्ति नगर बावड़िया कला में एक-एक पेड़ गिर गया।
  • सात नंबर स्टाप सहित एमपी नगर में ज्योति टाकीज चौराहा, संगम टॉकीज और व्यापमं चौराहे पर एक फीट तक पानी भर गया।
  • नेहरू नगर की सड़कों, बस्तियों और कालोनियों में एक से डेढ़ फीट पानी भर गया। नालियों का पानी लोगों के घरों में घुस गया।
  • पॉलीटेक्निक चौराहा किलोल पार्क के पास स्थित पेट्रोलपंप के सामने पानी भर गया।
  • तुलसी नगर अंजली कांप्लेक्स में एक से डेढ़ फीट पानी भर गया।

कॉल सेंटर में पहुंची शिकायतें

भोपाल के पांच इलाकों में जलभराव की शिकायत लोगों ने फायर कंट्रोल रूम में दर्ज कराई। न्यू मार्केट शनि मंदिर स्मार्ट पार्किंग, अयोध्या बायपास अभिनव होम्स, 1238 तुलसी नगर, शाहपुरा ईश्वर नगर महाकाल मंदिर, मीनाल गेट नंबर चार समेत आदि कई क्षेत्रों में जलभराव हुआ।

वहीं भाजपा कार्यालय के पास, 20 नंबर भोजनालय, चार इमली, श्यामला हिल्स, खुशबू पार्क, भारत टाकीज-संगम टॉकीज आदि क्षेत्रों में पेड़ के गिरने की सूचना नागरिकों ने दर्ज कराई है।

कलियासोत और भदभदा डैम के गेट खुले, पांच एमसीएम छोड़ा पानी

भारी बारिश के चलते शहर के जलाशय लबालब हो गए। इसके चलते शुक्रवार को पहले भदभदा और फिर कलियासोत डैम के गेट खोले गए। सुबह सवा नौ बजे सबसे पहले भदभदा का पहला गेट खोला गया। इसके बाद 15 मिनट बाद दूसरा गेट खोला। जिसके तुरंत बाद कलियासोत डैम के पांच गेट खोल दिए गए थे।

चूंकि बारिश का दौर लगातार जारी है। इसके मद्देनजर भदभदा डैम के छह गेट खोले गए, जिनसे रात आठ बजे तक 410 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी को छोड़ा जा चुका था। भदभदा डैम के गेट पिछले साल सितंबर में खोले गए थे। वहीं कलियासोत डैम के सभी 13 गेट दोपहर साढ़े तीन बजे खोल दिए गए।

कलियासोत से रात आठ बजे तक पांच मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी छोड़ा जा चुका था। हालांकि अभी कलियासोत डैम 2.27 मीटर खाली है, लेकिन डैम में पानी का लेवल मेंटेन करने के लिए पानी को छोड़ा गया।
वर्तमान में कलियासोत डैम का जलस्तर 503.40 मीटर है। डैम का फुल टैंक लेवल 505.67 मीटर है। डैम का जब तक 502 मीटर पानी का लेवल नहीं आएगा, तब तक पानी छोड़ा जाएगा। आखिरी बार कलियासोत डैम के गेट वर्ष 2022 अगस्त में खुले थे।

कोलार डैम के आठ में से चार गेट खुले

भोपाल के पास कोलार डैम के भी आठ में से चार गेट खोले गए हैं। सभी गेट को कुल सात मीटर खोला गया है। डैम प्रभारी हर्षा जैनवाल ने बताया कि कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से कोलार डैम में पानी भी बढ़ रहा है, इसलिए चार गेट खोल गए हैं। वहीं केरवा डैम अभी करीब 30 प्रतिशत खाली है।
20 परिवारों को सुरक्षित निकाला

कलियासोत नदी के कैचमेंट क्षेत्र में स्थित बस्तियों को खाली कराने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। कोलार एसडीएम रविशंकर राय ने बताया कि कलियासोत डैम से पानी छोड़े जाने पर कलियासोत नदी का जलस्तर बढ़ेगा।
इससे पहले ही समरधा स्थित निचली बस्ती से 20 परिवारों को सुरक्षित निकालकर अन्य जगह विस्थापित किया गया है। इसके अलावा उनके रहने के साथ ही भोजन सहित अन्य सुविधाओं का इंतजाम भी किया गया है। वहीं क्षेत्र में सुरक्षा के लिए पुलिस, प्रशासन, नगर निगम और एसडीईआरएफ की टीम तैनात की गई है।

दामखेड़ा बस्ती से 10 परिवारों को किया सरकारी स्कूल में शिफ्ट

शहर में लगातार हो रही बारिश के कारण डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रेस्क्यू करके निकाला जा रहा है। शुक्रवार शाम छह बजे कोलार स्थित दामखेड़ा बी सेक्टर की बस्ती के 10 परिवारों को एक सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया गया है।
कोलार फायर आफिसर पंकज खरे ने बताया कि उक्त परिवारों की कलियासोत नदी किनारे डूब क्षेत्र झुग्गी बनी हुई हैं। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर झुग्गी खाली कराई गई। इसके अलावा पिपलिया केशो से दो परिवारों को रात साढ़े नौ बजे डूब क्षेत्र से निकालकर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया।

Upendra Pandey

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