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Futures And Options: शेयर बाजार का जुनून छोटे शहरों में फैला, NSE को चिंता- जोखिम नहीं समझ रहे निवेशक

जल्दी अमीर बनने का लालच लोगों को शेयर मार्केट की तरफ खींच रहा है। मोबाइल पर फ्यूचर एंड ऑप्शन की रील देखकर लोगों को रुपए का कमाने का यह रास्ता काफी आसान समझ आता है, लेकिन यह बहुत ही खतरनाक है। एनएसई के मुताबिक ट्रेडिंग में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग कैपिटल लॉस करते हैं।

HIGHLIGHTS

  1. कोविड के बाद शेयर मार्केट में बड़ी निवेशकों की संख्या।
  2. F&O सेगमेंट में 90 प्रतिशत रिटेल ट्रेडर को नुकसान हुआ।
  3. रिटेल इन्वेस्टर्स का औसत घाटा 1.1 लाख रुपये रहा।

शेयर बाजार में निवेश करने का चलन टियर-टू सिटी में तेजी से बढ़ रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के अनुसार बाजार में खरीद-बिक्री करने वाले छोटे शहरों के निवेशकों ने दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे शेयर कारोबार के अगुवा रहे शहरों को पीछे छोड़ दिया है।

इंदौर-भोपाल और उप्र के तमाम छोटे शहरों से बाजार में पैसा लगाने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं। जल्द ही निवेशकों की संख्या 10 करोड़ हो जाएगी। एनएसई अब इसे लेकर चिंता जता रहा है कि बिना जोखिम को समझे नए निवेशक शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं।

एनएसई इसी साल अपनी 30वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है। पहले 25 साल में एक्सचेंज में करीब चार करोड़ निवेशक जुड़े, लेकिन बीते पांच सालों में आंकड़ा इससे दोगुने से ज्यादा होकर साढ़े नौ करोड़ तक पहुंच गया है। एनएसई के अनुसार अब तेजी से छोटे शहरों के निवेशक बाजार में पैसा लगा रहे हैं। कोविड के दौर के साथ ही शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी शुरू हुई थी। एनएसई अब चिंतित है कि छोटे शहरों के खुदरा (रिटेल) निवेशक बिना जोखिम को समझे पैसा लगा रहे हैं।

फ्यूचर एंड ऑप्शन में 90 प्रतिशत लोगों को हो रहा नुकसान
ये आम निवेशक दिन-प्रतिदिन की खरीदी बिक्री और फ्यूचर एंड ऑप्शन में पैसा लगा रहे हैं। इसमें 90 प्रतिशत लोगों को नुकसान हो रहा है। एनएसई ने आम निवेशकों की जागरूकता के लिए मुहिम शुरू कर दी है। जल्द ही सेबी और एनएसई कुछ नए नियमों और कदमों की घोषणा भी कर सकते हैं।

मोबाइल बना माध्यम
एनएससई के आंकड़ों के अनुसार मई तक शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या 9.3 करोड़ पर पहुंच गई थी। जल्द ही आंकड़ा 10 करोड़ को छू लेगा। मोबाइल एप के जरिये होने वाली ट्रेडिंग निवेशकों की तादाद बढ़ाने का अहम कारण है। इस बीच स्टॉक एक्सचेंज लोगों को चेता रहा है कि बाजार में हर दिन खरीदी-बिक्री (ट्रेडिंग) कर जल्द मुनाफा कमाने के लालच में न फंसें।

दरअसल, ब्रोकर हर दिन कुछ शेयर खरीदने और मुनाफा कमाकर बेचने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि हर सौदे के साथ उनका कमीशन जुड़ा है। आम निवेशकों के लिए यह ठीक नहीं है। इस बीच तमाम नए निवेशक फ्यूचर एंड ऑप्शन में भी सौदे करने लगे हैं। कम पूंजी के साथ किसी स्टाक, कमोडिटी, करेंसी में पोजिशन लेने और ज्यादा लाभ कमाने का लालच इन्हें आकर्षित कर रहा है। इसमें 90 प्रतिशत लोगों को घाटा हो रहा है और वे पूंजी गवां रहे हैं।

क्या है फ्यूचर एंड ऑप्शन
फ्यूचर एंड ऑप्शन असल में डेरिवेटिव्ज कांट्रेक्ट हैं। यह एक तरह की शर्त है। एक निवेशक जिसे लगता है कि कोई शेयर या कमोडिटी के शेयर का मूल्य आने वाले समय में तेजी से बढ़ेगा। वहीं ऐसा व्यक्ति जिसे डर है कि इस शेयर की कीमत गिरने वाली है। ऐसे में तेजी की उम्मीद रखने वाला निवेशक सामने वाले से कुछ कीमत बढ़ाकर कांट्रेक्ट करता है कि वह एक महीने बाद इन स्टॉक को उससे खरीदेगा। वह पूरे शेयर कीमत के बजाय सिर्फ 10 प्रतिशत (प्रीमियम) देकर यह कांट्रेक्ट कर लेता है।

सीए सुमित सिंह मोंगिया के अनुसार इसमें खरीदने का कांट्रेक्ट करने वाला यह सोचकर खुश होता है कि उसे सिर्फ 10 प्रतिशत राशि देकर कम कीमत पर आगे बढ़ने वाले शेयर मिल जाएंगे। एक महीने बाद वह कम कीमत पर लेकर उसे ज्यादा में बेच मोटा मुनाफा कमा लेगा, जबकि बेचने का कांट्रेक्ट करने वाला सोचता है कि जो शेयर गिरने वाले हैं, उसे उसकी अच्छी कीमत मिलेगी। महीनेभर की मियाद जब पूरी होती है, तब यदि शेयर की कीमत गिरी तो ऑप्शन का कांट्रेक्ट करने वाला सौदे से इन्कार कर देता है। उसकी प्रीमियम यानी पूरा एडवांस डूब जाता है।

वह फिर भी खुश होता है कि सिर्फ 10 प्रतिशत राशि डूबी, जबकि फ्यूचर कांट्रेक्ट में व्यक्ति को महीनेभर बाद तय कीमत पूरी चुका कर उन शेयर की डिलीवरी लेनी होती। सीए मोंगिया के अनुसार एफएंडओ में हमेशा एक व्यक्ति का पैसा डूबता ही है।

एफएंडओ से दूर रहें नए निवेशक
आशीष कुमार चौहान, एमडी, नेशनल स्टाक एक्सचेंज ने कहा कि दिन-प्रतिदिन की ट्रेडिंग और फ्यूचर एंड ऑप्शन आम निवेशकों के लिए नहीं हैं। इसमें 90 प्रतिशत लोगों को नुकसान होता है। आम निवेशक दीर्घ अवधि का निवेश करें। एसआइपी चुनें या फिर एनएसई के इंडेक्स फंड जैसे कम जोखिम वाले माध्यम चुनें। एनएसई लगातार जागरूकता मुहिम चला रहा है कि सोच कर और समझ कर ही बाजार में पैसा लगाएं।

Upendra Pandey

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