छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में नाम आने के बाद भी बड़े पदों पर बैठे हैं 19 अफसर, डिप्टी CM बोले- कार्रवाई होगी
छत्तीसगढ़ के जिन अफसरों के खिलाफ शराब घोटले में शामिल होने का आरोप लगा है, वो अब भी मजे से अपनी पदों पर डटे हैं। घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है। इसके साथ ही ईओडब्ल्यू द्वारा कोर्ट में पेश किए गए चालान में भी इन अफसरों के नाम शामिल हैं।
HIGHLIGHTS
1. FIR में भी और ईओडब्ल्यू की चालान में भी सभी के नाम l
2. कुछ अधिकारी राज्य उड़नदस्ता, तो कुछ जिलों में पदस्थl
3. इनमें से एक अधिकारी की पिछले माह मृत्यु हो चुकी है।
विकास सोनी, रायपुर:- छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुए 2,500 करोड़ शराब घोटाले के सिंडिकेट में नाम आने के बाद 19 अधिकारी अभी भी प्रमुख पदों पर बने हुए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की जनवरी 2024 में की गई एफआईआर में इनके नाम हैं।
वहीं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की ओर से विशेष कोर्ट में पेश किए 10 हजार पन्नों के आरोपपत्र में इन्हीं अधिकारियों के उपरोक्त घोटाले में संलिप्तता के आरोप लगाए गए हैं। इनमें से एक अधिकारी की पिछले माह मृत्यु हो चुकी है, बाकी के 19 अधिकारी अभी भी आबकारी विभाग के विभिन्न पदों पर बने हुए हैं।
इनमें राज्य स्तरीय उड़नदस्ता, संभाग स्तरीय उड़नदस्ता, जिला आबकारी अधिकारी और उपायुक्त के पद शामिल हैं। घोटाले में की गई एफआईआर, जांच में नाम आने के बावजूद अब तक इन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ईओडब्ल्यू के आरोप पत्र के अनुसार घोटाले में उत्तर प्रदेश की मेरठ जेल में बंद तत्कालीन प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लि.(सीएसएमसीएल) एपी त्रिपाठी ने शराब सिंडीकेट बनाया।
15 जिलों के आबकारी अधिकारियों की बैठक लेकर अवैध शराब और नकली होलोग्राम वाली शराब बेचने का रास्ता निकाला। भ्रष्टाचार के खेल में सभी की हिस्सेदारी तय की। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान नकली होलोग्राम लगाकर 15 जिलों में शराब बेची गई थी। उस समय ये 20 अधिकारी इन जिलों में पदस्थ थे।