काशी विश्वनाथ में उमड़ा आस्था का सैलाब, इस साल पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु, चढ़ावा इतना कि गिनते-गिनते थक गए अधिकारी
काशी में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। श्रद्धालुओं के साथ-साथ काशी विश्वनाथ धाम के चढ़ावे में भी बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अब सावन का महीना आने वाला है। ऐसे में श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलेगी। इसके लिए प्रशासन ने भी सभी तैयारियां कर ली हैं।
HIGHLIGHTS
1. राजस्व कर्मियों ने 11 दान पेटियों में से दो के दान की गिनती की।
2. देर शाम तक इन पेटियों से 23 लाख 57 हजार 708 रुपये मिले।
3. चढ़ावे की यह संख्या पिछले साल से 1,05,15,796 रुपये ज्यादा है।
ब्यूरो, वाराणसी :- Shri Kashi Vishwanath Dham: पिछले साल की पहली छमाही की तुलना में इस साल की पहली छमाही में श्री काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की संख्या में 45.76% की वृद्धि हुई है। पिछले साल की तुलना में इस बार करीब डेढ़ गुना अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन किए।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सीईओ विश्व भूषण मिश्र ने यह जानकारी दी है कि इस साल 2023 (जनवरी से जून) तक 2,29,79,137 भक्त बाबा के दर्शन कर चुके थे। वहीं, साल 2024 में इसी अवधि के दौरान 3,34,94,933 भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंचे। इतना ही नहीं, विश्वनाथ धाम पर आने वाले चढ़ावे में भी 24.66% की वृद्धि हुई है।
चढ़ावे में हुई इतनी ज्यादा वृद्धि
चढ़ावे की यह संख्या पिछले साल से 1,05,15,796 ज्यादा है। 2023 की पहली छमाही में धाम पर 38 करोड़ 29 लाख 77 हजार 214 रुपये का चढ़ावा आया था। साल 2024 की पहली छमाही में यह रकम बढ़कर 47 करोड़ 74 लाख 13 हजार 890 रुपये हो गई। पिछले साल से यह चढ़ावा 9,44,36,676 ज्यादा है।
बता दें कि इस बार सावन माह के प्रत्येक सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम में देशभर से 10-12 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। सावन के सामान्य दिनों में भी यह संख्या सात से आठ लाख तक जा सकती है।
सावन माह में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने दो नए गेट का प्रस्ताव बनाकर तैयारी अभी से शुरू कर दी है। ये गेट मणिकर्णिका के सामने ढलान पर पुलिस बूथ के बगल में और पिनाक भवन के पास प्रस्तावित हैं।
राजस्व कर्मियों ने गुरुवार को विंध्यधाम में स्थापित 11 दान पेटियों में से दो के दान की गिनती की। देर शाम तक 23 लाख 57 हजार 708 रुपये मिले। दान राशि स्टेट बैंक के खाते में जमा की गई है। बता दें कि विंध्यवासिनी मंदिर में लगे दानपात्रों की गिनती मंदिर की छत पर बने श्री विंध्य पंडा समाज कार्यालय में शुरू की गई।