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ATR Chhattisgarh: जंगल सफारी के 42 चीतलों को एटीआर में छोड़ा, 150 चीतलों की शिफ्टिंग करने की मिली अनुमति

सीधे किसी भी वन्य प्राणियों को नहीं छोड़ा जा सकता। बाड़े में जिन चीतलों को छोड़ा गया है कि वह कुछ दिनों तक निगरानी में रहेंगे। इसके बाद बाड़े का दरवाजा खोल दिया जाएगा और वह जंगल में विचरण करने लगेंगे। एटीआर प्रबंधन ने छपरवा में दो किमी का बाड़ा बनाया है। इसे दो भाग में बांटा गया है।

बिलासपुर:- रायपुर जंगल सफारी के 42 चीतलों को मंगलवार को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोडा गया। यह पहली खेप है। बारी-बारी इसी तरह 150 चीतलों को छोड़ने की योजना है। पहली खेप में जिस वाहन से चीतलों की शिफ्टिंग की गई, उसे वनमंत्री केदार कश्यप ने हरी झंडी दिखाई। जंगल सफारी से 150 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिज़र्व में छोड़ने की अनुमति मिली है। उसी अनुक्रम में मंगलवार को पहले चरण में 42 चीतलों की शिफ्टिंग की गई है।

शिफ्टिंग के दौरान वन विभाग के उच्चाधिकारियों के अलावा जंगल सफारी के अधिकारी भी मौजूद थे। इधर सूचना मिलने के बाद अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन भी सजग हो गया और प्रबंधन की ओर से वन्य प्राणी विशेषज्ञ डा. पीके चंदन मानिटरिंग करते नजर आए और एटीआर के डायरेक्टर मनोज पांडेय व डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेश को पल-पल की रिपोर्ट देते रहे। चीतलों को लेकर दल रात नौ बजे के करीब अचानकमार पहुंचा। इन्हें छपरवा रेंज में बनाए गए बाड़े में छोड़ा गया। पहले भी जितनी चीतलों की शिफ्टिंग हुई, उन सभी को इसी बाड़े में छोड़ा गया है। दरअसल प्रबंधन ने खास तौर पर इस बाड़े का निर्माण किया है, जहां आहार, पानी से लेकर सुरक्षा के सारे इंतजाम हैं। यह उपाय इसलिए किया गया है, ताकि कुछ दिन चीतलों को रखकर उनकी मानिटरिंग की जा सके। चीतल व एटीआर के अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी भी है।

अचानकमार टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद, एक नवंबर से शुरू होगी सैर

बिलासपुर: अचानकमार टाइगर रिजर्व को पर्यटकों की सैर के लिए बंद कर दिया गया है। अब पर्यटक एक नवंबर से यहां भ्रमण कर सकेंगे। हालांकि इस बीच शिवतराई स्थित बैगा रिसार्ट खुला रहेगा और पर्यटक यहां की बुकिंग करा सकते हैं। टाइगर रिजर्व बंद करने का नियम अकेले अचानकमार के लिए नहीं है, बल्कि देशभर के टाइगर रिजर्व में यही किया जाता है।

इसको लेकर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से एटीआर प्रबंधन को पत्र भी आ गया है। इसके तहत अब एटीआर एक नवंबर से खुलेगा। एटीआर पर सैर बंद करने के पीछे दो बड़ी वजह है। एक वर्षा और दूसरी वन्य प्राणियों की ब्रीडिंग का सीजन। बरसात के कारण जंगल की स्थिति सैर करने योग्य नहीं रहती है। यहां के सारे भ्रमण रूट कच्चे हैं, जो वर्षा की वजह से कीचड़ में तब्दील हो जाते हैं। इस स्थिति में यदि सैर की अनुमति दी जाती है तो सैर वाहन के फंसने का डर रहता है।

इसके कारण पर्यटकों को बेवजह परेशानी हो सकती है। भ्रमण मार्ग वाहन के गुजरने योग्य नहीं रहते। यहीं कारण है कि इसे हर साल 16 जून को बंद कर दिया जाता है। हालांकि पूर्व में एक जुलाई से बंद होता था। लेकिन, इस बार जंगल में पहले से वर्षा हो रही है। इसे देखते हुए ही प्रबंधन ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है। बंद की सूचना भी शिवतराई में चस्पा कर दी गई है, ताकि पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी न हो। लेकिन, राहत की बात यह है शिवतराई का बैगा रिसार्ट बंद नहीं होगा।

पर्यटक चाहें तो यहां बुकिंग कराकर ठहर सकते हैं। शिवतराई में 22 कमरों का रिसार्ट बनाया गया है। इनमें से 18 पर्यटकों की बुकिंग के लिए है। यहां पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। एक रिसार्ट में दो लोग रह सकते हैं। पर्यटकों की सैर के लिए सात जिप्सी और एक 20 सीटर बस के अलावा नौ सीटर योद्धा वाहन भी है। सफारी बंद होने के कारण अब इन वाहनों के पहिए भी थमे रहेंगे।

Upendra Pandey

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