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सीएम साय ने पहले दिन कृषि विभाग की समीक्षा की, एक-एक योजनाओं की ली रिपोर्ट, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

रायपुर:- विधानसभा-लोकसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विभागों की समीक्षा बैठकें शुरू कर दी है। प्रशासनिक कामकाज में कसावट लाने मुख्यमंत्री ने कृषि और उद्यानिकी विभाग, पशुधन विकास विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ और मछली पालन विभाग की समीक्षा की। मैराथन बैठकों का यह दौर देर रात तक चलता रहा। मुख्यमंत्री ने एक-एक योजनाओं की रिपोर्ट ली।

कृषि विभाग की बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार उन्होंने डीएपी खाद की मांग की थी, तब उन्हें दूसरी खाद मिली। खाद के बोरे में डीएपी की मार्किंग थी, लेकिन बोरे में दूसरी खाद थी। किसानों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता खेती-किसानी की बेहतरी को लेकर है। किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। भंडारण और वितरण की स्थिति की लगातार निगरानी की जाए। किसानों को खाद-बीज के वितरण के समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि किसानों को मांग के अनुरूप खाद और बीज मिले।

उन्होंने कहा कि ज्यादा आमदनी के लिए प्रदेश में सुगंधित और महीन धान की किस्मों को ढूंढ कर उनके उत्पादन के लिए किसानों को जागरूक करें। प्रदेश में सुगंधित धान की करीब 200 किस्में हैं। इनकी बाजार में अच्छी मांग है। इन किस्मों का विदेशों में निर्यात भी किया जा सकेगा। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि जशपुर जिले में आम, लीची, कटहल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। चाय का उत्पादन भी प्रारंभ हुआ है। इनके प्रसंस्करण इकाई की स्थापना भी की जाए।

अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा के बलरामपुर में मक्का उत्पादन तथा प्रोसेसिंग के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। बैठक में कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, डा. बसवराजु एस, राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

खरीफ मौसम के लिए तैयारियां करें पूरी
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि खरीफ का सीजन आ गया है। मानसून भी पहले आने की संभावना है। मानसून आते ही खेती-किसानी का कार्य तेज गति से शुरू हो जाएगा। खरीफ के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर लें। मुख्यमंत्री साय ने किसानों को जैविक खेती, आधुनिक खेती से जोड़ने तथा कृषि उपकरणों की उपलब्धता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि क्लस्टर बनाकर कृषि यंत्र थ्रेसर और हार्वेस्टर आदि कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।

तीन जिलों में ई-गिरदावरी का कार्य जल्द होगा शुरू
मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के तीन जिलों महासमुंद, धमतरी और कबीरधाम में जल्द ई-गिरदावरी का कार्य प्रारंभ होगा। इसके लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। राज्य में एग्री स्टैक कार्यक्रम के तहत ई-गिरदावरी के संबंध में बताया कि इसमें किसानों और भू-नक्शों का डिजिटल डाटा बेस तैयार किया जाएगा। किसानों की रजिस्ट्री तथा नक्शों की जियो रिफ्रेंसिंग की जाएगी।

इससे जीआइएस डिजिटल फसल सर्वेक्षण का काम मोबाइल एप के माध्यम से किया जाएगा। इससे गिरदावरी का कार्य आसान होगा और उसका डाटा भी तुरंत योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उपलब्ध हो जाएगा। महासमुंद, धमतरी और कबीरधाम में यह कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया है। उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए ‘सेंटर फॉर एक्सिलेंस’ की स्थापना की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2024 के सभी आवश्यक तैयारियां विभाग द्वारा कर ली गई है।

मुख्यमंत्री ने यह भी दिए निर्देश

  • खेती-किसानी में टेक्नालाजी के प्रयोग पर दें विशेष जोर
  • प्रदेश में फूलों की खेती को दिया जाए बढ़ावा
  • सोयाबीन, सेब, पाम आयल, चाय की खेती को बढ़ावा देने राज्य स्तर पर तैयार करें प्रोजेक्ट
  • फसल चुनते वक्त क्षेत्र की जलवायु के आधार पर लें निर्णय
  • उद्यानिकी फसलों के प्रति किसानों को किया जाए जागरूक
  • पानी को रोेकने स्ट्रक्चर पर करें अधिकाधिक काम
  • चिराग परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक करने करें प्रचार-प्रसार
  • यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों की आय में हो बढ़ोत्तरी
  • अंडा, दुग्ध और मांस की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाएं जरूरी कदम
  • पशुओं को संक्रामक बिमारियों से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण
  • पशुओं के नस्ल सुधार के लिए चलाई जा रही योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी बल
  • दूध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री एवं दूध उत्पादन करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए समुचित उपाय
  • देवभोग के दुग्ध उत्पादों की बिक्री बढ़ाने अच्छी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर जोर, आइआइएम अध्ययन कर देगा सलाह
  • केज कल्चर, बायोफ्लाक जैसे नवाचारों से मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा, किसानों को करें प्रशिक्षित
  • सभी मौसम में मछली पालन के लिए तालाबों में पानी की आपूर्ति के लिए सोलर पंप की व्यवस्था

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को यह दी जानकारी

  • किसानों के 544 लाख टन बीज के मांग के अनुरूप 431 लाख टन का भंडारण, 261 लाख टन बीज का किया जा चुका वितरण
  • पिछले वर्ष आज की स्थिति में 402 लाख टन बीज का भंडारण कर 165 लाख टन बीज का किया गया था वितरण
  • खरीफ सीजन 2024 के लिए 13.68 लाख टन खाद की उपलब्धता को लक्ष्य लेकर की गई तैयारी
  • लक्षित रासायनिक खाद के विरूद्ध 10.38 लाख टन (76 प्रतिशत खाद) का हो चुका भंडारण, 4.98 लाख टन खाद का हा चुका वितरण
  • खाद बीज वितरण की नियमित की जा रही मानिटरिंग
  • कृषक उन्नति योजना के तहत 26 लाख 66 हजार 489 किसान पंजीकृत
  • 13,287 करोड़ रुपये का किसानों को किया जा चुका भुगतान
  • खाता संबंधित त्रुटि के कारण 280 किसानों का करीब दो करोड़ रूपये का अंतरण बचा
  • गौवंश की रक्षा और संवर्धन के लिए सभी संभागों के एक-एक जिले में गो अभयारण्य की स्थापना
Upendra Pandey

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