Indore MP Shankar Lalwani: नए सांसद से इंदौर की अपेक्षा, रेलवे, मेट्रो और राजमार्ग जैसे प्रोजेक्ट जल्दी पूरे हों
इंदौर शहर का मास्टर प्लान जल्द से जल्द लागू हो और इंदौर को मेट्रोपालिटन सिटी का दर्जा मिल सके।
इंदौर:- इंदौर ने अपने सांसद को बड़ी जीत की सौगात तो दे दी है लेकिन बड़ी जीत के साथ जिम्मेदारी भी बड़ी है। सांसद को इंदौर की चुनौतियों को प्राथमिकता के साथ हल करना होगा। इंदौर के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के प्रोजेक्ट, रेलवे व मेट्रो के कार्यों के अलावा सांसद को शहर के मेट्रोपालिटन सिटी के दर्जे के साथ ट्रैफिक जाम समस्या से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभानी होगी।
इंदौर-खंडवा रोड की बाधाएं करनी होंगी दूर
एनएचएआइ द्वारा बनाए जा रहे इंदौर-खंडवा रोड का निर्माण कार्य वर्ष 2025 तक पूरा किया जाना है। ब्लास्टिंग के कारण सिमरोल के ग्रामीणों के घरों में दरार होने से टनल व 400 मीटर एप्रोच रोड का काम रुका है। इसके अलावा सड़क निर्माण की कुछ बाधाओं को भी हटाना है। एनएचएआइ द्वारा बनाए जा रहे गणेश घाट के फ्लाईओवर के लिए एक लाख क्यूबिक मीटर फ्लाय एश की जरूरत है। सिंगाजी पावर प्लांट से इसकी उपलब्धता करवानी होगी। तभी दिसंबर तक यह रोड बन पाएगा।
बायपास पर 28 किलोमीटर के दायरे में 137 करोड़ की लागत से तीन फ्लाईओवर का निर्माण होना है। इस हिस्से में विद्युत लाइन व नर्मदा लाइन तय समय पर शिफ्ट हो, इसके लिए सांसद को सभी विभागों से सामंजस्य बैठाना होगा, तभी तय समय में ये ब्रिज तैयार हो पाएंगे।
पश्चिमी बायपास की 64 किलोमीटर की सड़क का निर्माण तभी शुरू हो पाएगा, जब इस रोड निर्माण में आ रही जमीनों का मुआवजा 1200 किसानों को मिलेगा। इस सड़क निर्माण के लिए एजेंसी तय हो गई है। मुआवजा मिलने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा। पूर्वी बायपास के निर्माण के लिए जमीन व अनुमति दिलाने में भी अहम भूमिका निभानी होगी।
मेट्रोपालिटन सिटी का दर्जा व ट्रैफिक समस्या हल हो
इंदौर शहर का मास्टर प्लान जल्द से जल्द लागू हो और इंदौर को मेट्रोपालिटन सिटी का दर्जा मिल सके। इसके लिए सांसद को अहम भूमिका निभानी होगी। इसके अलावा शहर के चौराहों पर ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को निजात मिले और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिले और शहर की सड़कों पर वाहनों का बोझ न बढ़े, इसके लिए सांसद को शहर में विशेष नीति बनानी होगी।
प्रोजेक्ट समय पर पूरा कर रेलवे की बढ़ानी होगी रफ्तार
600 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन प्रोजेक्ट का कार्य होना है। 2026 में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सागौर-धार के बीच जमीन अधिग्रहण का पेंच फंसा है। इसमें सांसद को हस्तक्षेप करना होगा।
वहीं इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन प्रोजेक्ट लंबे समय से जमीन अधिग्रहण व किसानों की नाराजगी के बीच उलझा है। इस संबंध में किसानों के साथ बैठक कर सांसद को रास्ता निकालना होगा। वर्षों से इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट लंबित है। इसकी डीपीआर रेल मंत्रालय के पास है। ऐसे में सांसद को अन्य सांसदों के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाना होगा।
तय समय में मेट्रो का कार्य पूरा करवाने का प्रयास
मेट्रो के लिए जमीनों के अधिग्रहण में कई जगह विभागों व निजी संस्थानों के बीच पेंच फंसा हुआ। इसमें सांसद को सभी अधिकारी व लोगों से समन्वय कर राह निकालनी होगी। मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट के मुद्दे पर मल्हारगंज व सुभाष मार्ग के लोगों के बीच कुछ असहमति है। ऐसे में सांसद को शहर हित में विरोध कर रहे इस क्षेत्र के लोगों से चर्चा कर मेट्रो प्रोजेक्ट तय समय में जून 2027 तक पूरा हो, इसके लिए प्रयास करना होंगे।