पाकिस्तान में मानवाधिकारों का क्या है स्थिति? अमेरिकी रिपोर्ट ने उजागर की पाकिस्तान की सच्चाई, सरकार पर हमला
मानवाधिकारों से जुड़ी एक रिपोर्ट ने पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी है। अमेरिका की इस रिपोर्ट में पाकिस्तान पर हमला बोला गया है। इस रिपोर्ट में मानवाधिकारों के हनन का जिक्र किया गया। इसके अलावा कहा गया कि पाकिस्तान की सरकार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करती है।
अमेरिका ने मंगलवार को मानवाधिकार से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान में मानवाधिकारों के हनन पर हमला बोला गया। रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान में कुछ महत्वपूर्ण मानवाधिकार मुद्दे देखे जा रहे हैं, जिसमें न्यायेतर हत्या, जबरन गायब करना और मनमाने ढंग से हिरासत में रखने समेत कई अन्य मुद्दे शामिल हैं। रिपोर्ट में शहबाज सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा गया कि शायद ही पाकिस्तान ने कभी इन अधिकारियों की पहचान करने और इन्हें दंडित करने के लिए विश्वसनीय कदम उठाए हों।अमेरिका ने मंगलवार को ‘2023 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेस’ रिपोर्ट जारी की, जिसमें विभिन्न देशों में मानवाधिकारों के हनन पर प्रकाश डाला गया। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, ‘मानवाधिकारों के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारे देश के केंद्र में है। अमेरिका हमेशा दुनिया भर में मानवीय गरिमा और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वालों का समर्थन करेगा।’ रिपोर्ट में पाकिस्तान के कुछ महत्वपूर्ण मानवाधिकार मुद्दों में गैरकानूनी या मनमानी हत्याओं का भी जिक्र किया गया है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
रिपोर्ट में गैरकानूनी तरीके से नागरिकों की मौत और जबरन गायब करना भी शामिल है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की आजादी पर प्रतिबंध का भी जिक्र किया गया, जिसमें पत्रकारों के खिलाफ हिंसा, अनुचित गिरफ्तारी और उन्हें गायब करवा देना शामिल है। इसके अलावा इंटरनेट की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध, धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध, सरकारी भ्रष्टाचार, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों पर सरकारी प्रतिबंध, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बारे में भी रिपोर्ट में बताया गया है।
रिपोर्ट में मनमाने और गैरकानूनी हत्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि मानवाधिकार संगठनों ने दावा किया है कि सरकारी एजेंटों ने बलूचिस्तान में ‘मार डालो और फेंक दो’ की नीति अपनाई हुई है। जहां सरकार के खिलाफ लोगों को प्रताड़ित करके मार दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि सुरक्षा बलों ने देश भर में संघर्षों से जुड़ी न्यायेतर हत्याएं कीं। इसके अलावा सुरक्षा बलों और पुलिस के खिलाफ हमले का भी जिक्र किया गया। स्वतंत्र थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के मुताबिक 2023 की पहली तिमाही के दौरान आतंकी हमलों और आतंक विरोधी अभियानों में सेना और पुलिस के 386 लोगों की मौत हुई।
लोगों का गायब होने पर जताई चिंता
पाकिस्तान में लोगों के गायब होने पर भी रिपोर्ट में चिंता जताई गई। मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक पश्तून, सिंधी और बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ सिंधी और बलूच राष्ट्रवादियों को बिना किसी कारण या वारंट के गिरफ्तार किया और गायब कर दिया गया। इसके अलावा उनका कहना है कि माता-पिता पर दबाव बनाने के लिए बच्चों को हिरासत में लिया गया था। कथित तौर पर कार्यकर्ताओं का दावा है कि 500 सिंधी लापता हैं। 2022 में अकेले 142 लोग गायब हुए। वॉयस फॉर सिंधि मिसिंग पर्सन्स ने बताया कि अकेले सिंध प्रांत में जनवरी और अगस्त के बीच 80 सिंधी गायब हुए।