शनि दोष या साढ़ेसाती से परेशान हैं तो हनुमान जन्मोत्सव पर करें ये आसान उपाय… जानिए सही पूजा विधि

हनुमान जन्मोत्सव पर पूजा से शनि राहु दोष से मिलेगी मुक्ति मिलती है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव पर शनि दोष या शनि की साढ़ेसाती से ग्रसित लोग हनुमान जी को चना और गुड़ अर्पित करें।
इस दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाने की परंपरा भी है। चमेली के तेल और पीले सिंदूर से चोला चढ़ाना शुभ माना जाता है। यह ध्यान रखना चाहिए कि सिंदूर केवल चरणों में अर्पित करें, मस्तक पर नहीं लगाएं। पीला सिंदूर ही शास्त्र सम्मत होता है।
इसके प्रभाव से वह सभी भक्तों की विपत्तियों को समाप्त करते हुए जीवन में खुशियां भरते हैं। शास्त्रों में संकटमोचन को ऊर्जा, शक्ति, ज्ञान, भक्ति और बल का प्रतीक माना गया। वह भगवान राम के सबसे बड़े भक्त भी है, इसलिए उनकी पूजा उपासना से प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद भी मिलता है।
पूर्णिमा तिथि पर पूजा का शुभ मुहूर्त (Hanuman Janmotsav Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह तीन बजकर 12 मिनट पर हो रही है और समापन 13 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 36 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव और पूर्णिमा व्रत 12 अप्रैल को ही मनाया जाएगा।
हनुमान जन्मोत्सव पूजा मुहूर्त (Hanuman Janmotsav Puja Muhurat)
सुबह का मुहूर्त: सात बजकर 35 मिनट से नौ बजकर 11 मिनट तक है।
शाम का मुहूर्त: पौने सात बजे से आठ बजकर आठ मिनट तक है।
जन्मोत्सव पर हनुमान जी की पूजा विधि (Hanuman Janmotsav 2025 Puja Vidhi)
हनुमान जन्मोत्सव के शुभ मौके पर सुबह ही स्नान-ध्यान कर लें। फिर पूजा स्थान पर आप एक चौकी को रखें और उसपर लाल रंग का साफ वस्त्र बिछाएं। अब चौकी पर हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें।