सीएम योगी ने बताया प्रयागराज भगदड़ का असली कारण, बोले- अभी भी भीड़ का बहुत अधिक दबाव, पीएम मोदी से 4 बार बात की
महाकुंभ में अमृत स्नान के पहले हालात हो गए बेकाबू
संगम तट के पास हुआ दर्दनाक हादसा, कई अभी भी दबे
मौनी अमावस्या पर उमड़ी थी भारी भीड़, दबाव में भगदड़
एजेंसी। प्रयागराज महाकुंभ में बड़ा हादसा हो गया है। मंगलवार की रात को संगम घाट पर भगदड़ मच गई। इस घटना में 17 लोगों की मौत की सूचना है। हालांकि प्रशान ने पुष्टि नहीं की है। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। कई लोग दबे हैं। यह हादसा अत्यधिक भीड़ के चलते हुआ। अचानक मची भगदड़ से किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि अखाड़ों के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग टूट ने से भगदड़ की स्थिति बनी। कुछ लोग गंभीर घायल हैं, जिनका इलाज जारी है। सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री से उनकी सुबह से चार बार बात हो चुकी है। पीएम मोदी भी लगातार नजर रखे हुए हैं।
योगी ने लोगों से शांति बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की और बताया कि प्रयागराज में अभी भी भीड़ का बहुत अधिक दबाव है।
महाकुंभ के अस्पताल में घायलों को लेकर आने वाली एंबुलेंस का तांता लगा हुआ है। राहत और बचाव कार्य में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। यह दर्दनाक हादसा रात करीब दो बजे संगम तट के पास हुआ।
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि अफवाह के कारण भगदड़ हुई इसमें 17 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी को महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रयागराज में क्यों मची भगदड: भारी संख्या में लोग संगम नोज पहुंचे। यहीं से होकर संगम तट पर जाया जाता है। लोग सिर्फ संगम पर स्नान करना चाहते थे। यही जिद भगदड़ का कारण बनी।
मोदी-शाह ने योगी से की बात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक घंटे में दो बार बात की। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी आदित्यनाथ से बात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
सीएम योगी की अपील: हादसे के करीब 7 घंटे बाद सीएम योगी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। जिस घाट पर हैं, वहीं स्नान करें।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के लिए मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा हुआ था। दोपहर में बेकाबू भीड़ ने कई स्थानों की बैरिकेडिंग भी तोड़ी। रात में स्नान शुरू होने के बाद संगम में भीड़ अधिक बढ़ गई।
संगम तट और उसके आसपास लाखों श्रद्धालु जमा हो गए। अखाड़ों के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग भी कुछ स्नानार्थियों ने तोड़ने का प्रयास किया। जिसको जहां से जगह मिलती उधर ही चला जाता।
कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने अखाड़ों से अमृत स्नान न करने की अपील की है। भगदड़ को देखते हुए अखाड़ों ने उस पर सहमति दे दी है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि हम प्रशासन का सहयोग करेंगे।
आधी रात के बाद स्नानार्थियों की भीड़ संगम तट के करीब ठहर गई, जिससे स्थिति बिगड़ने लगी। रात करीब दो बजे स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो भगदड़ मच गई। इधर-उधर भागती भीड़ में जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका। जिसने भागने का प्रयास किया वह भी दब गया।
मेला कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम को यह सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन पैरामिलिट्री फोर्स, एबुंलेंस को अलग-अलग स्थान से संगम की ओर रवाना किया गया।
इसके बाद एंबुलेंस में तमाम श्रद्धालुओं को भरकर लाया गया। केंद्रीय अस्पताल में कई लोगों को जमीन पर लिटाया गया था, जिनके बारे में एक अस्पताल कर्मी ने कहा कि उनकी मौत हो गई है।