MP में भाजपा विधायक भूपेंद्र बोले- ‘कांग्रेस से आने वालों को पार्टी भले स्वीकार कर ले, मैं नहीं करूंगा’
सागर :- कांग्रेस से बड़ी संख्या में आए नेताओं की वजह से भाजपा में आक्रोश कम होता नहीं दिख रहा है। प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और खुरई से विधायक भूपेंद्र सिंह ने इस पर खुलकर नाराजगी जाहिर की है। सागर में आयोजित एक दीपावली मिलन समारोह में रविवार को भूपेंद्र सिंह ने कह दिया कि कांग्रेस में रहते हुए जिन लोगों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किया, उनको पार्टी स्वीकार करे या न करे, मैं कभी स्वीकार नहीं करुंगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग कितना अत्याचार करते थे। क्या-क्या नहीं होता था लेकिन कार्यकर्ता लड़ने, मरने, जेल जाने और फर्जी केसों के लिए तैयार रहता था। आज वो कार्यकर्ता हमारे पास आता है तो क्या हम कह दें कि तुम सुरखी विधानसभा के हो इसलिए मेरे पास मत आओ।
भाजपा कार्यकर्ता चुनाव का फार्म भी नहीं भर सकता था
इसका मतलब यह थोड़े हो गया कि हमें सुरखी विधानसभा से चुनाव लड़ना है। उन्होंने खुरई क्षेत्र को लेकर कहा कि मैं खुरई से चुनाव लड़ा। वहां कांग्रेस का इतना आतंक, अन्याय, अत्याचार था कि खुरई के अंदर भाजपा का कार्यकर्ता सरपंच-पार्षद का चुनाव लड़ने फार्म नहीं भर सकता था।
पार्टी ने कहा था खुरई से चुनाव लड़ना है
विधायक का फार्म भरने से लोग डरते थे। मेरा कोई प्लान नहीं था खुरई से चुनाव लड़ने का। मैं तो सुरखी से चुनाव लड़ता था। सांसद था, तभी पार्टी ने कहा कि खुरई से चुनाव लड़ना है। पार्टी के आदेश पर खुरई से चुनाव लड़ा और कार्यकर्ताओं की मेहनत से जीत गया। उन्होंने कहा कि जिस वक्त राजबहादुर सिंह लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, कार्यकर्ताओं को पोलिंग बूथ के अंदर घुसकर पुलिस की उपस्थिति में कांग्रेस के लोगों ने मारा।
विधायक ने कहा- ‘मुझे सूचना मिली, मैं पहुंचा और अपनी गाड़ी से कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया। 72 कार्यकर्ता घायल हुए थे। अब कोई कहे कि हम ऐसे लोगों को स्वीकार कर लें पार्टी में। पार्टी करे या न करे, पर मैं कभी स्वीकार नहीं करूंगा।’ मोतीनगर थाने के सामने एक मैरिज गार्डन में इस समारोह का आयोजन मैदा मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश साहू और भूपेंद्र भैया फैंस क्लब ने किया था।
गुटबाजी पर भी जताई चिंता
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जो लोग पार्टी में गुटबाजी करते हैं, वे पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले लोग हैं। कार्यकर्ताओं को एकजुट रहना होगा। उन्हें पार्टी पर गहन आस्था और विश्वास होना चाहिए। पार्टी को जो तय करना है, जब करना है वह पार्टी करेगी।