आर्किटेक्ट बनने के चक्कर में रहते, तो रतन टाटा को आज कौन जानता… पढ़िए सफल बिजनेसमैन की असफल लव स्टोरी
मशहूर उद्योगपति रतन टाटा आज भी करोड़ों लोगों की प्रेरणा हैं। न केवल उनकी सफलता के किस्से आज भी चर्चा के केंद्र में होते हैं, बल्कि उनकी निजी जिंदगी पर भी लोगों का खास ध्यान होता है।
बहुत कम लोगों को पता है कि एक उद्योगपति परिवार में जन्म लेने के बाद भी रतन टाटा का पहला प्यार बिजनेस नहीं था। बल्कि वे एक आर्किटेक्ट बनना चाहते थे। उन्होंने कई मौकों पर इसे अपना ड्रीम जॉब भी बताया।
फिर रतन टाटा ने अपने पिता नवल टाटा की इच्छा का मान रखते हुए इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। वर्ष 1959 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के बाद इंटर्नशिप के लिए टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट आए।
इसके साथ ही उद्योग जगत में उनका पदार्पण हुआ। हालांकि, उन्होंने लंबा अनुभव भी हासिल किया। इंटर्नशिप के बाद 1961 में टाटा समूह में शामिल हुए। शुरुआत में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर लाइमस्टोन को हटाने और भट्टी को हैंडल करने का काम सीखा। लगभग 30 तक तक विभिन्न पोस्ट पर रहने के बाद 1991 में टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला और 21 सालों तक टाटा समूह का नेतृत्व किया।
रतन टाटा की लव स्टोरी
*रतन टाटा एक सफल उद्योगपति तो बन गए, लेकिन प्यार में उनको सफलता नहीं मिला।
*रतन टाटा जब अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे थे, तब एक लड़की से प्यार हो गया था।
*रतन टाटा चाहते थे कि वो विदेशी युवती उनके साथ भारत चले, शादी करें और वहीं बस जाए।
*हालांकि ऐसा न हो सका। युवती भारत आने के लिए तैयार नहीं हुई। फिर रिश्ता टूट गया।
*कुछ लोग 1962 के इंडो-चाइना वॉर के भी रतना टाटा की प्यार में नाकामी को जिम्मेदार ठहराते हैं।