सनातन धर्म में कई खास पर्व मनाए जाते हैं, जिनका विशेष महत्व है। इनमें रक्षाबंधन का त्योहार भी शामिल है। रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता को दर्शाता है। पुराणों के अनुसार, भद्रा न्याय के देवता शनि देव की बहन यानी सूर्यदेव की पुत्री है। ऐसा कहा जाता है कि भद्रा का स्वभाव क्रोधी है। हर साल रक्षाबंधन पर भद्राकाल होता है।
HighLights
- इस साल भद्रा 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर आधे दिन रहेगी।
- राखी का त्योहार हमेशा शुभ समय देखकर ही मनाना चाहिए।
- भद्रा सूर्योदय से पहले शुरू होकर दोपहर तक रहने वाली है।
अगस्त का महीना त्योहारों से भरा होता है। इस महीने भाई-बहन के प्यार और स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन भी मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाने वाला है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और आरती कर उनके जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष और उल्लास की प्रार्थना करती हैं। बदले में भाई हमेशा अपनी बहन की रक्षा करने और उसे सुखी जीवन देने का वादा करता है।
मुहूर्त शास्त्र के अनुसार, राखी का त्योहार हमेशा शुभ समय देखकर ही मनाना चाहिए। रक्षाबंधन के समय भद्राकाल का ध्यान रखना चाहिए।
इतनी देर तक रहेगा भद्राकाल
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल भद्रा 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर आधे दिन रहेगी। 19 अगस्त को भद्रा सूर्योदय से पहले शुरू होकर दोपहर करीब 1.29 बजे तक रहेगी। ऐसे में रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा खत्म होने के बाद ही मनाना चाहिए।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
19 अगस्त को राखी बांधने का सबसे शुभ समय दोपहर 1.30 बजे से शाम 7 बजे के बीच रहेगा। इस बार शाम 7 बजे तक लगातार चर, लाभ और अमृत का शुभ चौघड़िया मुहूर्त रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा से कृष्ण जन्माष्टमी तक मनाया जा सकता है।