शासकीय अस्पतालों के एमएस को देंगे 10 लाख तक खरीदी का अधिकार, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में उन्हें प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार का अवसर मिला है। सरकारी और निजी अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार के लिए वह हर स्तर पर प्रयास करेंगे। इसके लिए डाक्टरों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाना आवश्यक है।
HIGHLIGHTS
- 5 वर्षों में MBBS व 10 वर्षों में दूर होगी विशेषज्ञों की कमी
- 40 प्रतिशत तक डॉक्टरों के लिए वेतनवृद्धि का प्रस्ताव
- बिलासपुर और जगदलपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
रायपुर :- स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने घोषणा की है कि शासकीय अस्पतालों के अधीक्षक जल्द ही बिना शासकीय अनुमोदन के 10 लाख रुपये तक के उपकरण और दवाओं की खरीदी कर सकेंगे। वह होटल सयाजी में ‘नईदुनिया चिकित्सक सम्मान समारोह – 2024’ को संबोधित कर रहे थे। वर्तमान व्यवस्था में 50 हजार रुपये से अधिक की खरीदी के लिए अधीक्षकों को नया रायपुर की दौड़ लगानी पड़ रही थी।
समस्या के समाधान के लिए जल्द ही मेडिकल कॉलेजों में कमेटियों का गठन किया जाएगा। नईदुनिया के समारोह में 24 चिकित्सकों का सम्मान किया गया। मंत्री ने दावा किया कि अगले पांच वर्षों में प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से अगले 10 वर्षों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी खत्म हो जाएगी। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों का वेतनमान 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है।
2 सुपर स्पेशलिटी अस्पताल इसी माह
प्रदेश की भौगोलिक विविधता के साथ चिकित्सकीय चुनौतियों का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बस्तर और सरगुजा में मलेरिया तो मध्य छत्तीसगढ़ में डायरिया की चुनौतियों से डॉक्टरों को दो-चार होना पड़ रहा है। सिकलसेल की भी चुनौती भी गंभीर है। 700 बिस्तरों के नए वार्ड के साथ आंबेडकर अस्पताल की चिकित्सकीय सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के साथ ही बिलासपुर और जगदलपुर में अगस्त महीने में ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शुरू किया जाना है। अंबिकापुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए भी बजट में प्रविधान किया गया है।
गुणवत्ता में सुधार के लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे
मंत्री जायसवाल ने कहा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में उन्हें प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार का अवसर मिला है। सरकारी और निजी अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार के लिए वह हर स्तर पर प्रयास करेंगे। इसके लिए डाक्टरों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। शासकीय अस्पतालों में वर्तमान तकनीकी युग के अनुकूल उपकरणों और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है।
इसी को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रबंध भी किए गए हैं। वैदिक काल से समृद्ध देश की चिकित्सकीय परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी डॉक्टरों पर है। सरकार उनके सम्मान में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। समाज के सभी वर्गों को भी चाहिए कि वह डाक्टरों से जिस तरह के सहयोग की अपेक्षा करते हैं, उसकी के अनुकूल उनका सम्मान भी करें।