मानूसन वर्षा ने बढ़ाई पौधों की मांग, उद्यानिकी विभाग ने 15 दिन में बेचे 2 लाख के पौधे
वर्षा का मौसम किचिन गार्डनिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। इस मौसम में लोग अपने घर पर धनिया,मिर्ची,टमाटर, बैंगन, तोरई, लौकी, आदि की पौध लगाते हैं। जो अगस्त प्रथम सप्ताह तक फल देने लगती है। जिससे पूरे सीजन में ताजी सब्जियां लोगों को घर बैठे ही मिलती है। इसलिए लोग छोटे गमलों से लेकर छत पर क्यारी बनाकर इनकी पौध रोपते हैं।
HIGHLIGHTS
- कृषि विज्ञान केन्द्र ने पिछले 15 दिन में दो लाख रुपय के पौधों की बिक्री की है
- वर्षा का मौसम किचिन गार्डनिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है
- किचिन गार्डनिंग के लिए लोग नर्सरी से पौधे खरीद रहे हैं
ग्वालियर:- मानसून वर्षा ने वातावरण में नमी क्या ला दी कि लोगों पौधा रोपण की झड़ी लगा दी। अकेले उद्यानिकी और कृषि विज्ञान केन्द्र ने पिछले 15 दिन में दो लाख रुपय के पौधों की बिक्री की है। जिसमें किचिन गार्डनिंग का शौक रखने वालों से लेकर मां के नाम पौधा लगाने वाले तक शामिल हैं। यह बिक्री पिछले वर्ष से दो गुना हो चुकी है। माना जा रहा है कि इस बार पिछले वर्षा का रिकार्ड टूटेगा और पौधा रोपण का अपना अलग ही इतिहास बन सकता है। इस मौसम में किचिन गार्डनिंग के लिए लोग पौधे खरीदते थे लेकिन उसके साथ साथ बड़े स्तर पर पौधा रोपण के लिए लोगों ने आम, पीपल,नीम,बरगद आदि पौधों की अधिक मात्रा में खरीद की है।
वर्षा के माैसम में लोग करते किचिन गार्डनिंग
वर्षा का मौसम किचिन गार्डनिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। इस मौसम में लोग अपने घर पर धनिया,मिर्ची,टमाटर, बैंगन, तोरई, लौकी, आदि की पौध लगाते हैं। जो अगस्त प्रथम सप्ताह तक फल देने लगती है। जिससे पूरे सीजन में ताजी सब्जियां लोगों को घर बैठे ही मिलती है। इसलिए लोग छोटे गमलों से लेकर छत पर क्यारी बनाकर इनकी पौध रोपते हैं।इस वक्त घरों में लोग किचिन गार्डनिंग कर भविष्य के लिए ताजी सब्जी के साथ साथ अपना शौक पूरा कर रहे हैं।
1 से लेकर 10 रुपये में बिक रहे सब्जियों के पौधे
किचिन गार्डनिंग के लिए लोग नर्सरी से पौधे खरीद रहे हैं। नर्सरी में बैंगन,टमाटर,मूली,मिर्ची,भिंडी, आदि की पौध 10 रुपये प्रति नग के हिसाब से खरीद रहे हैं। वहीं उद्यानिकी विभाग में एक रुपय प्रति नग के हिसाब से पौध बेची जा रही है। जिसको लेकर लोग जमकर पौध खरीद रहे है और घर में किचिन गार्डनिंग कर अपना शौक पूरा कर रहे हैं।
तोरई,लौकी,करेला और खीरा कम जगह में अच्छी पैदावार
तोरह,लौकी,करेला,खीरा एक आसानी से उगने वाली सब्जी है जो पानी और धूप में अच्छे से उगती है। अच्छी मात्रा में पानी और गर्मी मिलने से यह तेजी से उगते हैं। अपनी चढ़ने की क्षमता के कारण यह छोटी सी जगह में भी आसानी से उगाए जा सकते हैं। इसी प्रकार तुरई परवल की बेलदार सब्जियों को भी अच्छे किस्म के बीजों का चयन करके लगा सकते हैं।
इन सब्जियों को लगाने के लिए ऐसा स्थान चुनें जहां पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी आती हो। खीरे उस मिट्टी में अच्छी तरह उगते हैं जो नम और अच्छी जल निकासी वाली होती है। खीरे के बीजों को एक पंक्ति में लगभग 1 इंच गहराई और 2-3 इंच की दूरी पर रोपें। यदि आपके पास सीमित जगह है या आप खीरे की बेलें उगाना चाहते हैं तो इसे एक जाली से सहारा दें।
बैंगन,टमाटर,भिंडी , हरी मिर्च
बैंगन,टमाटर,भिंडी , हरी मिर्च- उगाना बहुत आसान है। खाने-पकाना में इनका बहुत इस्तेमाल होता है और अपने किचन गार्डेन में उगाए गए रसदार टमाटरों से बेहतर कुछ नहीं है। उत्तर भारत में बरसात के मौसम में टमाटर उगाने का सही समय जून-अगस्त के बीच है और दक्षिण भारत में जुलाई-अगस्त है। बैंगन,टमाटर,भिंडी , हरी मिर्च- को पनपने के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है।
बैंगन,टमाटर,भिंडी , हरी मिर्च
उगाने के लिए ऐसी साइट चुनें जिस पर 5-6 घंटे सीधी धूप आती हो। टमाटर के बीजों को अच्छी जल निकास वाली मिट्टी में लगभग 1/4 इंच गहरी और एक दूसरे से 3-4 इंच की दूरी पर रोपें। मिट्टी को जैविक उर्वरकों की नियमित खुराक दें। बुवाई के 10-14 दिन में बीज अंकुरत होने लगेंगे।
मां के नाम एक पौधा अभियान को लेकर अच्छी हो रही बिक्री
उद्यानिकी विभाग के प्रमुख एमपीएस बुंदेला का कहना है कि इस बार पौधों की अच्छी बिक्री हो रही है। मुख्यमंत्री का अभियान एक पौधा मां के नाम को लेकर लोग पीपल,आम,अमरुद,नींबू,जामुन, बरगद आदि के पौध खरीदकर ले जा रहे हैं। पिछले पन्द्रह दिन में एक लाख 70 हजार रुपये के पौधों की बिक्री हो चुकी है। माना जा रहा है कि इस बार पौधा बिक्री में अलग ही रिकार्ड बनेगा।