Breaking Newsअंतरराष्ट्रीयअन्य ख़बरेंधर्मनई दिल्लीमध्यप्रदेशमहाराष्ट्रमुंबईरायपुरराष्ट्रीय

17 बार हुआ आक्रमण, हर बार भव्यता के साथ फिर खड़ा हुआ सोमनाथ मंदिर… चंद्र ने किया था प्रथम पूजन, ऋग्वेद में मिलता है उल्‍लेख

सोमनाथ मंदिर भारत के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह गुजरात में स्थित है। मान्‍यता है कि चंद्र ने यहां भगवान शिव का पूजन किया था, जिसके बाद इसका नाथ सोमनाथ पड़ा। हर वर्ष बड़ी संख्या में भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां आते हैं। यहां आपको बताते हैं, सोमनाथ मंदिर से क्‍या पौराणिक कथा जुड़ी है और इसका क्‍या इतिहास है।

HIGHLIGHTS

  1. प्रथम ज्योतिर्लिंग है सोमनाथ मंदिर
  2. कई बार मंदिर का हुआ जीर्णोद्धार
  3. चंद्र ने महादेव को माना था स्‍वामी

Somnath Temple History धर्म डेस्‍क, इंदौर :- 22 जुलाई से सावन माह शुरू होने जा रहा है। इस दौरान शिवालयों पर भक्तों का तांता लगेगा और विशेष अनुष्ठान होंगे। वैसे तो भारत में कई शिव मंदिर हैं, लेकिन ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है। भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग है। प्रत्येक ज्योतिर्लिंग से पौराणिक कथा जुड़ी है और इसका ऐतिहासिक महत्व है। यहां आपको प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ के धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को बताते हैं।

कहां स्थित है सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर गुजरात काठियावाड़ क्षेत्र में स्थित है। यह अपने सौंदर्य और आस्था के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर पर कई बार विदेशी आक्रांताओं ने आक्रमण भी किए। लेकिन अधर्म के सामने धर्म हर बार अडिग रहा और दोबारा पुराने वैभव में लौट आया और आज भी यह मंदिर भक्तों की आस्था केंद्र है।

कहां मिलता है उल्लेख
सोमनार को प्रथम ज्योतिर्लिंग माना गया है। इसका उल्लेख श्रीमद्भगवद्गीता, स्कंद पुराण और महाभारत में मिलता है। ऋग्वेद में भी सोमेश्वर महादेव की महिमा बताई गई है। मान्‍यता है कि चंद्रदेव ने यहां भोलेनाथ का पूजन किया था और उन्‍हें अपना स्वामी माना था। इसके बाद से ही यह मंदिर सोमनाथ के नाम से जाना जाता है। सोमनाथ यानी ‘चंद्र के स्‍वामी’।

कई बार हुआ मंदिर पर आक्रमण

  • इतिहासकारों के अनुसार मंदिर की संपन्नता और भव्यता को देखकर कई बार विदेशी आक्रांताओं ने सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया।
  • मोहम्मद गजनी ने सन् 1025 में आक्रमण किया था और बहूमूल्‍य संपत्तियां लूटकर ले गया था। उसने मंदिर को लगभग नष्‍ट कर दिया।
  • इसके बाद गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। लेकिन इसके बाद भी आक्रमण जारी रहे।
  • सन् 1297 में मंदिर पर अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खां ने आक्रमण किया। उसने जमकर लूट मचाई और संपत्ति साथ ले गया।
  • इसके बाद सोमनाथ मंदिर पर सन् 1395 और 1412 में भी आक्रमण हुआ। औरंगजेब के शासन में 1706 में मंदिर पर हमला हुआ था।

सोमनाथ के वर्तमान मंदिर का भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री और पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में निर्माण करवाया था। 1955 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे भक्तों को समर्पित किया था।

कितना भव्य है मंदिर
सोमनाथ मंदिर 150 फीट ऊंचा है। इसमें गर्भगृह, सभामंडप और नृत्यमंडप बनाए गए हैं। इस मंदिर के शिखर पर कलश स्थापित किया गया है, जिसका वजन 10 टन है।

Upendra Pandey

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button