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MBBS Counseling: एमबीबीएस व बीडीएस काउंसलिंग जल्द, पहले चरण में प्रवेश न लेने वालों को भी दूसरे चरण में मिलेगा मौका

प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस प्रवेश काउंसलिंग इस माह शुरू होगी। नए नियमों के तहत पहले चरण में सीट न लेने वाले अभ्यर्थियों को दूसरे चरण में अवसर मिलेगा और पंजीयन में एक बार संशोधन का मौका दिया जाएगा।

HIGHLIGHTS

  1. एमबीबीएस, बीडीएस में प्रवेश के लिए इसी शुरू होगी काउंसलिंग।
  2. छात्रों को पंजीयन में संशोधन का अवसर भी एक बार दिया जाएगा।
  3. सीट लीविंग बांड का नियम में बदलाव, मापअप चरण से प्रभावी होगा।

भोपाल :- प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों व डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस एवं बीडीएस कोर्स में प्रवेश के लिए काउंसलिंग इसी माह शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने अभ्यर्थियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

पहला यह कि पहले चरण में आवंटित सीट पर प्रवेश नहीं लेने वाले अभ्यर्थियों को भी अब दूसरे चरण में अवसर मिल सकेगा। अभी तक उन्हें अपात्र कर दिया जाता था। दूसरा यह कि पंजीयन में संशोधन का अवसर भी उन्हें एक बार दिया जाएगा, जो अभी तक नहीं मिलता था। पंजीयन में कोई गलती हो गई तो वह प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो जाते थे। इसके अतिरिक्त नई व्यवस्था यह की गई है कि मापअप चरण के पहले भी एक बार पंजीयन का अवसर दिया जाएगा।

2 जुलाई को प्रवेश नियम जारी
शासन ने दो जुलाई को प्रवेश नियम जारी कर दिए हैं। यही नियम एमडी-एमएस और एमडीएस काउंसलिंग में भी लागू होंगे। यह व्यवस्था भी की गई है कि विभिन्न श्रेणी में बाकी रहने वाली रिक्तियों को भरने के लिए दूसरे की जगह अब माअपप चरण में पात्र श्रेणी में परिवर्तित किया जाएगा।

ये है भर्ती का नियम
नियम यह है कि अनुसूचित जाति (एससी) की सीटें बचने पर अनुसूचित जनजाति (एसटी) से भरी जाती हैं। इसी प्रकार एसटी की सीटें बचने पर एससी से भरने का नियम है। दोनों श्रेणी के उम्मीदवार नहीं मिलने पर इन्हें ओबीसी श्रेणी से भरा जाता है। इसी तरह से ओबीसी अभ्यर्थी नहीं मिलने पर अनारक्षित श्रेणी से भरने का नियम है।

यह नियम भी बनाया गया कि सीट लीविंग बांड और दूसरे चरण में विकल्प भरने के लिए पहले जमा कराई जाने वाली सुरक्षा निधि का नियम अब दूसरे चरण की जगह मापअप चरण से प्रभावी होगा।

Upendra Pandey

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