बारिश में निखरी मैनपाट की सुंदरता, रिमझिम फुहारों के बीच बादल उतर आए जमीं पर
छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल मैनपाट बारिश में निखर गया है। साल के घने जंगल और चारों ओर हरियाली के बीच जमीं पर उतर आ रहे बादल पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं। इस सीजन में मैनपाट की खूबसूरती देखते ही बनती है। यही वह समय है जब आप मैनपाट में किसी हिल स्टेशन जैसा आनंद उठा सकते हैं।
अंबिकापुर :- कल-कल करते झरने भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। सरगुजा जिले में पिछले दिनों पड़ी भीषण गर्मी से मैनपाट भी अछूता नहीं रहा। सिमटते जंगल और बाक्साइट के उत्खनन के बाद बंजर भू-भाग ने यहां के तापमान को भी 40 डिग्री तक पहुंचाया। मानसून की बारिश के साथ ही मैनपाट की सुंदरता भी अब निखरकर सामने आ गई है।
कुछ दिनों से बादल छा रहे हैं और रिमझिम बारिश हो रही है। बादल जमीन पर उतर आ रहे हैं। हरियाली के बीच कहीं-कहीं बादल एकदम नीचे उतरे दिखाई दे रहे हैं। मैनपाट वर्षाकाल में सर्वाधिक सुंदर नजर आता है,वर्षाकाल में रुई के फाहों की तरह अपने इर्द-गिर्द अगर बादलों को देखना हो या फिर मानसूनी बादल आप पर लिपटकर आपको भिगो जाए तो आश्चर्य न करिएगा,यह मैनपाट ही है।
मैनपाट में वर्ष भर जहां लोगों को तेज हवा से ठंड की अनुभूति होती है। वहीं मानसून शुरू होते ही यहां बादलों की अटखेलियां हर किसी को भाने लगती हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं और मैनपाट के पठार और कई दर्शनीय स्थलों में पहुंचकर रोमांचित होते हैं।
यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने के कारण रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।नदी-नालों में पानी भर गया है। यहां के झरने भी पर्यटकों को लुभा रहे है। बताते चलें कि मैनपाट की ऊंचाई समुद्र तल से 1152 मीटर है। ऊंचाई पर होने से यहां मैदानी इलाकों की तुलना में तापमान कम रहता है।