मप्र में मोहन सरकार के प्रदर्शन पर लोकसभा चुनाव के परिणामों ने लगाई मुहर, मिलने पहुंचे शिवराज ने दी बधाई
दिसंबर 2023 में सरकार गठित होने के बाद करीब तीन माह का समय काम करने के लिए मिला। इसमें सुशासन पर सर्वाधिक जोर रहा।
भोपाल:- लोकसभा चुनाव के परिणाम ने मोहन सरकार के प्रदर्शन पर भी मुहर लगा दी है। दिसंबर 2023 में सरकार गठित होने के बाद करीब तीन माह का समय काम करने के लिए मिला। इसमें सुशासन पर सर्वाधिक जोर रहा। संभागीय बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ तो वरिष्ठ अधिकारियों को मैदान में उतारा। जहां आवश्यकता हुई वहां कड़े कदम उठाने से भी सरकार नहीं चूकी। इससे सरकार जनमानस पर जो छाप छोड़ी, उसका लाभ पार्टी को मिला और सभी 29 लोकसभा सीटें पहली बार जीतने में सफल रही।
नतीजे आने के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव से मिलने पहुंचे और बधाई दी।
16 मार्च को चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो गई थी। सरकार को काम करने के लिए करीब तीन माह का ही समय मिला। इस अवधि में मुख्यमंत्री ने हर वर्ग को साधने का काम किया। विधानसभा चुनाव के समय जो वादे किए गए थे, उन्हें पूरा करने की दिशा में कदम उठाए।
किसानों को गेहूं के उपार्जन पर 125 रुपये का बोनस दिया तो लाड़ली बहना योजना की किस्तों का समय से भुगतान सुनिश्चित कराया। कानून व्यवस्था और विकास को गति देने के लिए संभागीय मुख्यालयों पर जाकर बैठकें की गईं तो वरिष्ठ अधिकारियों को संभागों का प्रभार दिया गया।उज्जैन में क्षेत्रीय औद्योगिक समिट कर बड़ी शुरुआत की। हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन को प्राथमिकता में रखा गया।
क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए इस कदम का उद्योग जगत ने भी हाथों-हाथ लिया। उपचार के लिए एयर एंबुलेंस सेवा की बात हो या फिर अयोध्या धाम में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद विमान से दर्शन के लिए लोगों को भेजना हो, कई कदम उठाए गए। यही कारण रहा कि मतदाताओं ने कांग्रेस की न्याय गारंटियों को नकार दिया।
मंत्रियों को दी थी अलग-अलग सीटों की जिम्मेदारी
भाजपा संगठन और सरकार ने मंत्रियों को अलग-अलग लोकसभा सीटों को जिम्मेदारी दी गई थी। सभी मंत्री पूरे समय अपने-अपने क्षेत्रों में डटे रहे। विधायकों को साथ लिया और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का काम किया। इसका लाभ भाजपा के प्रत्याशियों को मिला।