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भाई के अलावा भाभी के साथ ननंद के रिश्ते को मजबूत बनाती है बैंगल राखी, कस्टमाइज राखी की बढ़ी डिमांड

सुनीता अग्रवाल ने बताया कि बैंगल राखी चलन में है। यह राखी जोड़ी में रहता है, जिसमें से एक को बहन भाई के कलाई पर और दूसरे को भाभी के कलाई पर पहनाती है। यह भाई के अलावा भाभी के साथ भी ननंद के रिश्ते को मजबूत बनाता है।

HIGHLIGHTS

  • दो दिवसीय सावन मेला में लगे राखियों के 70 में 25 स्टाल
  • कान्हा के डिजाइनर परिधान सहित मैचिंग आभूषणों की डिमांड
  • सावन मेला में कस्टमाइज राखी की पहले से आ रही है बुकिंग

रायपुर :- रक्षाबंधन में अब कुछ दिन ही बाकी हैं, जिसे लेकर राजधानी के बाजार सजने लगे है। बहनों ने अपने भाइयों के लिए राखी की खरीदारी भी शुरू कर दी है। हर साल की तरह इस साल भी बाजार में नए-नए डिजाइन्स की राखियां आई है। सामाजिक सेवा संस्था संगिनी महिला मंडल की ओर से त्योहारी सीजन को देखते हुए समता कालोनी स्थित खाटू श्याम मंदिर में दो दिवसीय सावन मेला का आयोजन किया जा रहा है।

मेले में प्रदेशभर के अलग-अलग शहरों पहुंचे लघु महिला उद्यमियों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है। रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए प्रदर्शनी में लगे लगभग 70 स्टाल में 25 से अधिक स्टाल राखियों की है। जिसमें महिलाओं द्वारा तैयार पारंपरिक और ट्रेंड के अनुसार चल रहे राखियां है।

सुनीता अग्रवाल ने बताया कि बैंगल राखी चलन में है। यह राखी जोड़ी में रहता है, जिसमें से एक को बहन भाई के कलाई पर और दूसरे को भाभी के कलाई पर पहनाती है। यह भाई के अलावा भाभी के साथ भी ननंद के रिश्ते को मजबूत बनाता है।

500 रुपये में राखी और थाली का सेट
राखी का स्टाल लगाने वाली महिलाओं ने बताया कि इस बार कस्टमाइज राखी की पहले से बुकिंग आ रही है। जिसमें बहने अपने भाई की फोटो या उनकी यादों से जुड़ी राखियां बनवा रही है। इसके साथ हैंडमेड मौलीधागे पर मोतियों, मोर पंख, और क्रिस्टल से बने डिजाइनर राखियां डिमांड में है। बच्चे हमेशा की तरह कार्टून और रंग-बिरंगी राखियां पसंद कर रहे हैं। 500 रूपये में एक पूरा सेट लोग पसंद कर रहे, जिसमें आरती के लिए डिजाइनर थाली, तिलक, मिठाई रहाता है।

कान्हा जी के लिए हजार रुपये तक के कपड़े
रक्षाबंधन के बाद कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाएगा। इसके लिए महिलाएं खास तैयार कर रही है। सावन मेले में अलग-अलग क्षेत्रों से महिलाओं ने विभिन्न प्रकार के कान्हा जी के कपड़े और आभूषण लेकर पहुंची है। दीपक अवस्थी ने बताया कि उनके पास 70 से लेकर एक हजार रुपये तक के डिजाइनर परिधान और आभूषणों के सेट है। आभूषणों में मुकुट, बाजूबंध, केश, बांसुरी आदि शामिल है।

परिधान, आभूषण और सवावटी समान के समान
सावन मेले में 70 से अधिक स्टाल लागए गए है। इसमें बच्चों से वरिष्ठ महिला, पुरूष के परिधान, आभूषण, सौंदर्य सामग्री, सजावटी सामग्री, उपहार, दैनिक उपयोग की वस्तु, खाद्य उत्पाद के विभिन्न वैरायिटी शामिल है। आयोजकों ने बताया कि मेले का उद्देश्य लघु उद्यमी महिलाओं को अपने उत्पादों के विक्रय के लिए मंच देकर उन्हें प्रोत्साहित करना है। इससे अर्जित आय से दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल दिया जाएगा। यह मेला आज, बुधवार सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक जारी रहेगा।

Upendra Pandey

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