छत्तीसगढ

कांग्रेस की महालक्ष्मी नारी न्याय योजना पर दांव

वाली महालक्ष्मी नारी न्याय योजना पर दांव खेला है। कांग्रेस का यह दांव कितना सफल होगा, यह चार जून को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल, कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाकर योजना की जानकारी घर-घर तक पहुंचाने में जुट गए है। कांग्रेस की ओर से इसके लिए आवेदन फार्म भरवाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

प्रदेश में भाजपा की महतारी पर कांग्रेस की महालक्ष्मी के दांव पर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ऐसी योजनाओं से महिलाओं की आर्थिक स्थिति तो सुधरती है लेकिन अर्थव्यवस्था पर इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। जानकारों का कहना है कि पार्टी के रणनीतिकारों को यह भी बताना चाहिए कि यह कैसे संभव हो पाएगा।प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में महतारी वंदन योजना की अहम भूमिका मानी जाती है। राज्य सरकार पर इससे 68 हजार करोड़ का अतरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गरीब परिवार की एक महिला को प्रतिमाह 8,333 रुपये देने की गारंटी दी है। प्रदेश में अनुमानित 67 लाख से अधिक गरीब परिवार हैं। यदि एक महिला को 8,333 रुपये दिया जाता है तो 8,400 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। देश में गरीबी की स्थिति जानने के लिए 2011-12 में सर्वे हुआ था। सर्वे में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 27 करोड़ आंकी गई थी, जो वर्तमान में इससे कहीं अधिक होने से इनकार नही किया जा सकता है।

Upendra Pandey

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