Waqf Bill News LIVE: वक्फ संशोधन बिल पर राज्यसभा में चर्चा जारी… विपक्ष में बड़ी फूट, उद्धव ठाकरे बोले- कानून में कुछ बदलाव बहुत अच्छे

कई शहरों में मुसलमान इस बिल के समर्थन में सड़कों पर उतरे
सरकार का दावा- प्रॉपर्टी की कमाई से गरीब मुस्लिमों को लाभ होगा
राज्यसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा वक्फ बिल
एजेंसी, नई दिल्ली– लोकसभा में पारित होने के बाद वक्फ संशोधन बिल गुरुवार को राज्यसभा में भी पेश कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उच्च सदन में बिल पेश किया। अब चर्चा के बाद वोटिंग होगी। इस बीच, बिल को लेकर विपक्ष में फूट पड़ती नजर आ रही है।
उद्धव ठाकरे ने बिल की आड़ में भाजपा पर निशाना साधा, लेकिन यह भी कहा कि बिल में कुछ बदलाव बहुत अच्छे भी हैं। इससे पहले लोकसभा में 12 घंटे चली मैराथन बहस के बाद वोटिंग हुई और बिल पास हो गया। विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 232 सांसदों ने मतदान किया। इसे मोदी सरकार की एक और बड़ी जीत बताया जा रहा है।
भाजपा ने जबरन पारित करवाया बिल: सोनिया गांधी
गुरुवार सुबह दिल्ली में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ही सोनिया गांधी ने भी हिस्सा लिया।
इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि भाजपा ने वक्फ बिल को लोकसभा में जबरदस्ती पारित करवाया है। यह बिल संविधान पर खुला हमला है। भाजपा इस तरह से ध्रुवीकरण करना चाहती है।
ओवैसी ने फाड़ा बिल, शाह बोले- सभी को मानना पड़ेगा
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कई उल्लेखनीय पल भी आए। जैसे AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को मुस्लिमों की तौहीन बताते हुए इसकी प्रति फाड़ दी।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह मुसलमानों को देश में दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की साजिश है। भाजपा हिंदू और मुस्लिम को लड़ाना चाहती है।
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कानून सभी लोगों को मनाना होगा। उन्हें विपक्ष के एक सदस्य के बयान का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि देश का अल्पसंख्यक वर्ग इस कानून को नहीं मानेगा।
इस पर शाह ने कहा- यह कानून देश का कानून है, भारत सरकार कानून है। सभी को मानना पड़ेगा।
गृह मंत्री ने बताया कि 1913 से 2013 तक वक्फ बोर्ड के पास 18 लाख एकड़ जमीन थी। लेकिन पिछले 12 सालों में इसमें 21 लाख एकड़ और जुड़ गए हैं। 2013 में ही वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन किया गया था।