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धान खरीदी से पहले सहकारी समितियों के कर्मियों के लिए अच्‍छी खबर, CM साय ने 25 प्रतिशत बढ़ा वेतन, हड़ताल खत्म

रायपुर :- धान खरीदी की शुरुआत होने से पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के करीब 13,000 कर्मचारियों का वेतन और भत्ता 25 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इसके साथ ही सहकारी समितियों के कर्मियों की चल रही हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई। अब 14 नवंबर से अपने निर्धारित तारीख से धान खरीदी की जाएगी। मुख्यमंत्री साय की पहल से छह साल बाद सहकारी समितियों के कर्मियों की मांग पूरी हुई है। सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।

बता दें कि वर्ष 2018 में आखिरी बार कर्मियों के वेतन में वृद्धि हुई थी। अभी सहकारी समितियों के कर्मचारियों का वेतन 15 से 20 हजार रुपये है। साथ ही भत्ता भी एक हजार रुपये मिलता है। वेतन में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी से अब 18,750 से 25,000 रुपये तक मिलेगा। 10 नवंबर 2024 को सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और अपनी मांगों से अवगत कराया था। इसके 24 घंटे बाद ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर वेतन वृद्धि की स्वीकृति के आदेश जारी किए गए।

नौ दिन से हड़ताल पर थे कर्मी
मांगें पूरी होते ही सहकारी समिति के कर्मचारी भी अपने काम में लग गए है। तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले नौ दिनों से सहकारी समितियों के 13,000 कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे थे। छत्तीसगढ़ प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश साहू ने बताया कि संघ की मांगों पर राज्य शासन की सहमति मिल गई है। इनमें प्रमुख रूप से कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी, अंतरराज्यीय समिति के गठन व धान खरीदी में 28 फरवरी के बाद शेष बचे धान में सूखत को लेकर सहमति बन गई है।

ऑनलाइन टोकन कटाने वाले किसानों की होगी खरीदारी
जिन किसानों ने खरीदारी के लिए आनलाइन टोकन कटा लिया है। 14 नवंबर से उनके धान की ही खरीदारी की जाएगी। जिन किसानों ने ऑनलाइन टोकन नहीं लिया है,उन्हें सोमवार व उसके बाद के तारीखों का ही टोकन मिलेगा। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते बहुत से धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की सप्लाई नहीं हुई है। बुधवार शाम तक अधिकांश केंद्रों में बारदाने पहुंच जाने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही किसानों का टोकन काटना भी शुरू होगा।

राइस मिलर नहीं करेंगे कस्टम मिलिंग
इधर, राइस मिलरों का कहना है कि जब तक उन्हें बची हुई राशि नहीं मिलती,वे वर्ष 2024-25 का कस्टम मिलिंग का कार्य नहीं करेंगे। सोमवार को इस संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन की बैठक भी हुई थी।

Upendra Pandey

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