छात्र सुरक्षा बीमा योजना से मिलती है एक लाख रुपये,डीईओ कार्यालय जानकारी के अभाव में स्वजन नहीं ले पाते योजना का लाभ
जांजगीर – चांपा:- सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूल, कालेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की दुर्घटना में मौत या सांप, बिच्छू के काटने, पानी में डूबने और आकाशीय बिजली से होने वाली मौत पर भी छात्र सुरक्षा बीमा योजना के तहत एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रशासन की ओर से दी जाती है। इस योजना के तहत पूर्व में दस हजार रुपये दिए जाते थे। मगर अप्रैल 2017 से सरकार ने मुआवजे की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है।
पिछले 19 सालों में शिक्षा विभाग द्वारा जिले के 250 पालकों को यह सहायता राशि प्रदान की गई है। प्रदेश में 2005 से छात्र सुरक्षा बीमा योजना लागू है, लेकिन अधिकतर पालक और छात्र – छात्राओं को इस योजना की जानकारी नहीं हैं। सरकारी स्कूलों के अलावा शासन से अनुदान प्राप्त किसी भी स्कूल व कालेज में पढ़ने वाले विद्यार्थी की किसी दुर्घटना में मौत या दिव्यांग हो जाने की स्थिति में इस योजना के लिए पात्रता मिलती हैं। इसके अलावा सांप, बिच्छू के काटने, पानी में डूबने और आकाशीय बिजली से होने वाली मौत पर भी सुरक्षा योजना का लाभ मिलता है। इसके लिए मामूली प्रीमियम विद्यार्थियों को जमा करना पड़ता है।
पिछले 19 वर्षों में शिक्षा विभाग द्वारा जिले के 250 पालकों को यह सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। पालकों को इस योजना की जानकारी नहीं होने के कारण आवेदन नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण छात्र-छात्रा की मृत्यु होने पर भी उन्हें इस योजना के तहत बीमा राशि नहीं मिल पाती है।
एक रुपये में होता है बीमा
छात्र सुरक्षा बीमा योजना के अनुसार पहली से 12वीं तक के सभी छात्र-छात्राओं के लिए बीमा राशि मात्र एक रुपये निर्धारित है। यह राशि शैक्षणिक शुल्क के साथ स्कूलों में जमा हो जाता है। जिला शिक्षा विभाग सभी स्कूलों में राशि एकत्रित कर संबंधित बीमा कंपनी के खाते में जमा करता है।
केस एक
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरियरा के छात्र अक्षय निर्मलकर की ट्रेन दुर्घटना में मौत हो गई थी। छात्र सुरक्षा बीमा योजना की जानकारी होने पर स्वजन ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया जिस पर उन्हें एक लाख रुपये का भुगतान किया गया।
पिछले वर्ष 19 बच्चों की मौत पर हुआ भुगतान वर्ष 2023-24 में जिले के 19 बच्चों की सड़क दुर्घटना, पानी में डूबने, सर्पदंश, और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हुई थी। पालकों के द्वारा विभाग में आवेदन करने पर उन्हें छात्र सुरक्षा बीमा योजना के तहत एक एक लाख रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं चालू सत्र में अब तक आठ विद्यार्थियों की मौत होने पर उनके पालकों ने आवेदन किया है।
केस दो
प्राथमिक शाला सेंदरी की छात्रा पूजा कश्यप की सर्पदंश से मौत हो गई। उसके स्वजन ने भी छात्र सुरक्षा बीमा योजना के तहत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन दिया। जिस पर उन्हें भी एक लाख रुपये का भुगतान विभाग के द्वारा किया गया।
केस तीन
पूर्व माध्यमिक शाला कोलिहादेवरी के छात्र सोहन दास की पिछले वर्ष सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। उसके स्वजन ने छात्र सुरक्षा बीमा योजना की जानकारी होने पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया जिस पर उन्हें एक लाख रुपये का भुगतान किया गया।