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अब साइबर ठगों की खैर नहीं! मोदी सरकार बनाएगी Cyber Commando की फौज

इंदौर :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के आने के बाद से साइबर धोखाधड़ी बहुत ज्यादा बढ़ गई है। उसका इस्तेमाल कर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। अब केंद्र की मोदी सरकार ने इससे निपटने के लिए कमर कस ली है। अगले पांच वर्षों में पांच हजार कमांडो की तैनाती होगी। यह साइबर फ्रॉड से निपटने में प्रशिक्षित होंगे। साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने साइबर कमांडो के अलावा कई नई योजनाओं की घोषणा की, जिससे साइबर अपराधियों पर नकेल कसी जा सके। उन्होंने साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (सीएफएमसी), साइबर क्राइम की जांच में समन्वय के लिए प्लेटफॉर्म और संदिग्ध साइबर अपराधियों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री का एलान किया। शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।

समन्वय और जागरूकता पर दें जोर
अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराधों निपटने के लिए राज्यों और एजेंसियों के बीच समन्वय का होना बहुत जरूरी है। साइबर अपराध राज्य की सीमा से परे होते हैं। ऐसे में एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनानी होगी, जिससे जांच में मदद मिलेगी। सीएफएमसी की मदद से कई एजेंसियों और बैंकों के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा, जिससे साइबर अपराध के डाटा का संग्रहण होगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लें मदद
शाह ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद की जा सकती है। इससे अपराधियों की गतिविधियों का विश्लेषण किया जा सकता है। साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा, इसलिए हेल्पलाइन नंबर 1930 का लोकप्रिय बनाने की जरूरत है।

डिजिटल लेन-देन से बढ़ा साइबर फ्रॉड का खतरा
देश में इंटरनेट का उपयोग करने वाले बढ़ रहे हैं। अब डिजिटल का लेन-देन हर कोई कर रहा है। देश में रोजाना 20.27 डीजी डेटा का उपयोग हो रहा है। ऐसे में साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें भी बढ़ रही हैं, इसलिए साइबर सुरक्षा की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

Upendra Pandey

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