Weather Of Chhattisgarh: बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र, छत्तीसगढ़ में 4 दिन भारी बारिश का अलर्ट
पिछले दिनों की बारिश के बाद देश के कुछ हिस्सों में राहत की सांस है। छत्तीसगढ़ को लेकर मौसम विभाग की भविष्यवाणी है कि यहां मानसून एक बार फिर सक्रिय हुआ है। इससे कहीं सामान्य, तो कहीं अच्छी बारिश हो सकती है।
HIGHLIGHTS
- 2 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी
- 20 अगस्त के बाद कई जिलों में मौसम सामान्य
- दिनभर तेज धूप और उमस से लोग हुए परेशान
रायपुर (Weather Of Chhattisgarh):- उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा से लगे बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले चार दिनों में वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है। मध्य छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
इससे पहले, मौसम विभाग ने 30 अगस्त से लेकर दो सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, लेकिन 20 अगस्त को राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों में बूंदाबांदी तक नहीं हुई। इसके विपरीत दिनभर तेज धूप और उमस ने लोगों को परेशान किया।
गुरुवार को रायपुर में दिन का तापमान 26 डिग्री पहुंच गया था, जो शुक्रवार को बढ़कर 34 डिग्री पर पहुंच गया। प्रदेश में अधिकांश जिलों में 32 डिग्री से अधिक तापमान दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा वर्षा सुकमा में 80 मिमी दर्ज की गई। प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री डोंगरगढ़ में तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.7 डिग्री में दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। कुछ जगहों पर भारी वर्षा होने की भी संभावना है। भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः बस्तर संभाग के जिले और उससे लगे रायपुर व दुर्ग संभाग के जिले संभावित है।
अब तक कहां कितनी बारिश
स्थान | बारिश |
सुकमा | 8 मिलीमीटर |
गंगालूर | 6 मिलीमीटर |
कटेकल्याण, पिथौरा, घरघोड़ा, चलगली, कुसमी | 5 मिलीमीटर |
दुर्ग, मैनपुर, कोमाखान, खरसिया, सारागांव, बागबाहरा, भैसमा, धरमजयगढ़ | 4 मिलीमीटर |
आने वाले दिन में कैसा रहेगा मौसम
एक चिह्नित निम्न दाब का क्षेत्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उत्तर आंध्र प्रदेश तट और दक्षिण ओडिशा तट के ऊपर स्थित है।
इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा उत्तर आंध्र प्रदेश और उससे लगे दक्षिण तटीय ओडिशा की ओर बढ़ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर अगले 36 घंटे में पहुंचे की संभावना है।