जब भगवान श्रीकृष्ण ने बचाई थी शिवाजी महाराज की जान… प्रेमानंद महाराज ने बताया किस्सा
छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। उन्होंने स्वराज की स्थापना के लिए मुगलों से जीवन भर संघर्ष किया। शिवाजी महाराज के जीवन में कई ऐसे मौके भी आए, तब मुगलों ने उन पर हमला करना चाहा, लेकिन सफल नहीं हो सके। शिवाजी से जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा प्रेमानंद महाराज ने अपनी कथा में बताया है कि कैसे श्रीकृष्ण से उनकी जान बचाई थी।
प्रेमानंद महाराज ने अपनी कथा के दौरान बताया कि एक बार छत्रपति शिवाजी महाराज संत तुकाराम के दर्शन के लिए पहुंचे थे। इस दौरान वे विशेष सावधानी के साथ आए। उस समय राजा संतों के सामने राजसी वैभव में नहीं जाते थे, इसलिए शिवाजी दो पहरेदारों के साथ ही संत तुकाराम के दर्शन के लिए पहुंचे।
शिवाजी को बंदी बनाना चाहते थे मुगल
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि शिवजी ने अपने दो पहरेदारों को बाहर खड़ा कर दिया और खुद संत तुकाराम के दर्शन के लिए अंदर पहुंचे। महाराज के अनुसार, किसी तरह यह बात मुगलों को पता चल गई और वे शिवजी महाराज को बंदी बनाने का सोचने लगे। क्योंकि उस समय शिवजी के साथ कोई सैनिक नहीं था।
गुप्तचर ने पहरेदारों को बताई योजना
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि मुगलों के हमले की योजना की जानकारी गुप्तचर ने शिवाजी की पहरेदारी को दी और सैनिकों ने मौका पाकर यह बात शिवाजी को बताई। महाराज कहते हैं कि संत तुकाराम भी यह बात जान गए थे, लेकिन उन्होंने शिवाजी को वहीं बैठे रहने का इशारा किया और कीर्तन में लग गए।
वापस लौट गए सैनिक
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जब मुगल शिवाजी महाराज को बंदी बनाने पहुंचे, तो उन्हें मंदिर में कहीं भी वे नहीं दिखे। मुगलों ने देखा कि मंदिर में सिर्फ तुकाराम बैठे हैं। उन्होंने पूरा मंदिर छान लिया, लेकिन उन्हें शिवाजी महाराज नजर नहीं आए, जबकि शिवाजी संत तुकाराम के सामने ही बैठे थे। इसके बाद थक हारकर सैनिक वापस लौट गए।