Breaking Newsअंतरराष्ट्रीयअन्य ख़बरेंछत्तीसगढमध्यप्रदेशराज्यरायपुरराष्ट्रीयशिक्षा

आदिवासी समाज में लगातार बढ़ रहा शिक्षा का ग्राफ, ड्रॉपआउट रेट भी हुआ कम

छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय में पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा का प्रसार हुआ है लेकिन अंदरूनी इलाकों में जहां जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं वहां तक बुनियादी सुविधाएं अब भी नहीं पहुंची हैं। दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे इलाकों में सरकार ने एजुकेशन हब बनाकर आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का प्रबंध किया है।

HIGHLIGHTS

  • भारत सरकार के डाटा के अनुसार स्कूलों में एड्मिशन लेने में आदिवासी समाज की लड़कियां आगे
  • बीते सालों में आदिवासी समाज में बच्चों की शिक्षा को लेकर सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले
  • आदिवासी बच्चों की माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में सफलता दर में लगातार देखा गया सुधार

बिलासपुर :- छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज की शिक्षा परंपरागत रूप से चुनौतियों का सामना करती आई है, लेकिन अब इसमें सुधार के संकेत दिख रहे हैं। मिनिस्ट्री आफ ट्राइबल अफेयर्स के 2022 आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज में पुरुषों की साक्षरता दर 70.1% थी, जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 48.8% थी। 2022-23 में, आदिवासी समाज की कुल साक्षरता दर 73.6% तक पहुंच गई है, जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 80.4% और महिलाओं की साक्षरता दर 66.7% है। वहीं, स्कूली स्तर पर भी इसी तरह का माहौल देखने को मिल रहा है। भारत सरकार के डाटा के अनुसार स्कूलों में एड्मिशन लेने में लड़कियां आगे हैं। बीते सालों में आदिवासी समाज में बच्चों की शिक्षा को लेकर सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं।

माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में सफलता दर

वर्ष 2016 से 2020 के बीच के आंकड़ों के अनुसार आदिवासी बच्चों की माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में सफलता दर में लगातार सुधार देखा गया है। उदाहरण के लिए, 2020 में माध्यमिक परीक्षा में आदिवासी छात्रों की सफलता दर लड़कों के लिए 72.16% और लड़कियों के लिए 74.13% रही। इसी तरह, उच्च माध्यमिक शिक्षा में 2020 में लड़कों की सफलता दर 74.49% और लड़कियों की 80.41% रही।

लिंग समानता सूचकांक में वृद्धि

शिक्षा में लिंग समानता सूचकांक के मामले में भी आदिवासी छात्रों के लिए प्रगति दर्ज की गई है। 2021-22 में माध्यमिक स्तर पर 1.03, उच्च माध्यमिक स्तर पर 1.06 और उच्च शिक्षा में 0.98 था। यह सूचकांक इस बात का प्रमाण है कि आदिवासी समुदाय में लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और उनके लिए शिक्षा के अवसर बढ़ रहे हैं।

Upendra Pandey

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button