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डायबिटीज के 77 फीसदी लोग एंजाइटी, डिप्रेशन या मेंटल हेल्थ से जूझ रहे हैं।
मेंटल हेल्थ काफी हद तक ग्लूकोज लेवल को प्रभावित करने में सक्षम होता है।
डायबिटीज डिस्ट्रेस से बचने के लिए जरूरी है पॉजिटिव लोगों के साथ में रहें।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जब ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है। ये तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज आंख, हार्ट, किडनी जैसे अंगों को प्रभावित कर सकती है। मगर, क्या आप जानते हैं कि नॉन डायबिटिक की तुलना में डायबिटीज के मरीज को डिप्रेशन होने की आशंका दो से तीन गुना अधिक होती है।
ऐसी स्थित में भी मात्र 25 से 50 प्रतिशत तक डिप्रेशन से जूझते डायबिटिक लोगों का निदान और इलाज हो पाता है। हालांकि, सही इलाज, दवाइयां और थेरेपी से स्थिति को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। मगर, सही समय पर सही इलाज न हो पाने से स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के एक सर्वे के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित 77 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में एंजाइटी, डिप्रेशन या मेंटल हेल्थ से जूझ रहे हैं। मेंटल हेल्थ ग्लूकोज लेवल को प्रभावित करने में सक्षम होता है।
इसलिए डायबिटीज मैनेजमेंट का एक बड़ा हिस्सा मेंटल हेल्थ और डिप्रेशन के लक्षण को भी शामिल करता है। आज हर 4 में से 3 डायबिटीज का मरीज डायबिटीज के कारण डिप्रेशन में है, जिसे डायबिटीज डिस्ट्रेस भी कहते हैं।
जानते हैं कि डायबिटीज किस तरह प्रभावित करता है मेंटल हेल्थ…
कभी न खत्म होने वाले टेस्ट और चेक-अप से होती है थकान।
डायबिटीज मैनेजमेंट की डेली डिमांड डिप्रेशन पैदा करती है।
खाने के प्रति दूसरों को मिली आजादी देख कर हताश होना।
पहले खुद जिस खाने को एंजॉय किया करते थे, उससे दूरी होना।
कुछ भी अनहेल्दी खाने के बाद गिल्ट के कारण ओवरथिंकिंग होना।
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फ्रस्ट्रेशन के कारण डायबिटीज केयर की तरफ ध्यान न दे पाना।
दवाइयां समय पर न खाना और डायबिटीज की एक्स्ट्रा केयर न करना।
डाइटरी बदलाव जीवनशैली में शामिल करने में समस्या महसूस होना।
नींद न आनाे सहित ऐसे कई कारण हैं, जिससे डिप्रेशन पैदा होता है।
ऐसे मैनेज करें डायबिटिक डिस्ट्रेस या डिप्रेशन…
ऐसे ग्रुप या सर्कल से जुड़ें, जो डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए काम करते हों।
ऐसे में आपको महसूस होगा कि इस मेंटल हेल्थ की जंग में आप अकेले नहीं हैं।
मेडिटेशन और नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से काफी राहत मिलने लगेगी।
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