मध्य प्रदेश का अमरनाथ… सावन में सिर्फ 10 दिन के लिए खुलता है मंदिर, करीब 15 किमी का दुर्गम है रास्ता
आप भी रिमझिम बारिश के बीच रोमांचक सफर करना चाहते हैं तो आ जाएं मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम के बीच नाग चंद्रशेखर मंदिर। 1 अगस्त से शुरू होने वाली नागलोक की यात्रा का रास्ता दुर्गम है। मार्ग कठिन होने के बाद भी हर साल श्रद्धालुओं को इंतजार रहता है। किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सभी व्यवस्था की गई है।
HIGHLIGHTS
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में होने की वजह से सालभर रहता है बंद।
- मंदिर जाने के लिए सांपों की बस्ती से होकर गुजरते हैं श्रद्धालु।
- यहां जाने के लिए वाहनों का किराया जिला प्रशासन में किया तय।
छिंदवाड़ा (Chhindwara News) :- मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक ऐसा सफर जो दुर्गम रास्तों से भरा और बहुत ही रोमांचक है। घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच करीब 12 से 15 किलोमीटर का पैदल सफर करने के बाद नाग चंद्रशेखर मंदिर के दर्शन होते हैं। नागलोक की यात्रा का सफर बहुत ही रोमाचंक और दुर्गम रास्तों से भरा होता है, श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास जरा भी नहीं डिगता है। दो जिलों के बीच ये यात्रा होती है, जिसमें छिंदवाड़ा के अलावा नर्मदापुरम शामिल है।
जिला प्रशासन में किराया निर्धारित किया है
श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सभी पाइंट्स पर व्यवस्था की गई है। इस यात्रा के दौरान कोई भी वाहन मालिक भक्तों से मनमाना किराया वसूल ना कर सके, इसलिए जिला प्रशासन में किराया निर्धारित किया है।
कठिन यात्रा के कारण ही एमपी का अमरनाथ कहते हैं
सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच में विराजित नाग चंद्रशेखर का मंदिर है, जो 10 दिनों के लिए सावन के महीने में खोला जाता है। जंगलों के बीच इस कठिन यात्रा के कारण इसे मध्य प्रदेश का अमरनाथ भी कहा जाता है।
- पैदल चलने के दौरान दो दिनों का समय लगता
- इस यात्रा में पैदल चलने के दौरान दो दिनों का समय लगता है।
- जंगलों के बीच 100 फीट लंबी चिंतामणि की गुफा से गुजरते हैं।
- 35 फीट लंबी गहरी और अंधेरी गुफा के बाद दर्शन हो पाते हैं।
- बाबा अमरनाथ की तरह कठिनाइयों से होकर गुजरना पड़ता है।
- ठीक उसी तरह की कठिनाई नागद्वारी की यात्रा में भी मिलती है।
- 1 अगस्त से लेकर 10 अगस्त तक नागद्वारी की गेट खुले रहेंगे।
- कई राज्यों से नागलोक में दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं।
सैकड़ों प्रजाति के सांप और नागों के दर्शन रास्ते में होते हैं
जंगल के बीच का रास्ता इतना दुर्गम है कि यहां पर सैकड़ों प्रजाति के सांप और नागों के दर्शन रास्ते में होते हैं, लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के इलाके में होने की वजह से साल में सिर्फ पूजा के लिए सावन के महीने में 10 दिनों के लिए इसे खोला जाता है।
जहरीले सांप हैं, लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते
घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच करीब 12 से 15 किलोमीटर का पैदल सफर करने के बाद नाग चंद्रशेखर मंदिर के दर्शन हो पाते हैं। इस यात्रा के बीच में सांपों की बस्ती से होकर गुजरना पड़ता है। कई जहरीले सांप और नाथ के दर्शन होते हैं, लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।