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Agriculture University News: 75 फीसद उपस्थिति रखना छात्र की ही नहीं शिक्षक की भी जिम्मेदारी

नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षण प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है। इससे आगे चलकर आमूल-चूक परिवर्तन देखने को मिलेगा। शुरुआती दौर में मध्य प्रदेश में ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कालेजों में डे टू डे मानिटरिंग सिस्टम लागू किया गया है। इसे लागू करने के पीछे शिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाना है।

HIGHLIGHTS

  1. कृषि विश्वविद्यालय के कालेजों में डे टू डे मानिटरिंग सिस्टम हुआ लागू
  2. विश्वविद्यालय के कालेजों में छातों व शिक्षकों की जवाबदेही तय होगी
  3. 75 फीसदी हाजिरी न होने पर छात्र नहीं ले सका परीक्षा में हिस्सा

नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षण प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है। इससे आगे चलकर आमूल-चूक परिवर्तन देखने को मिलेगा। शुरुआती दौर में मध्य प्रदेश में ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कालेजों में डे टू डे मानिटरिंग सिस्टम लागू किया गया है। इसे लागू करने के पीछे शिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाना है। इसकी मदद से विद्यार्थियों से लेकर शिक्षकों तक जवाबदेही तय की जाएगी।

कक्षा में 75 फीसद से कम उपस्थिति पर विद्यार्थी मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा। इसका जवाब अभिभावक और शिक्षक को भी देना होगा। इन पांच कालेजों में सिस्टम लागू: ग्वालियर, खंडवा, मंदसौर, इंदौर और सीहोर कालेज में डे टू डे मानिटरिंग सिस्टम लागू किया गया है। इसकी प्रति दिन रिपोर्ट तैयार होती है। यह रिपोर्ट डीन आफ फैकल्टी को प्रस्तुत की जाती है। इसके आधार पर आगे कार्रवाई तय होती है।

यदि कोई विद्यार्थी लगातार अनुपस्थित हो रहा है तो उसके परिजन को सूचना दी जाती है और कारण भी मांगा जाता है कि वह अनुपस्थित क्यों है। इसी तरह से शिक्षक अनुपस्थित है तो उसके द्वारा अवकाश लिया गया या नहीं, इसकी रिपोर्ट तैयार होती है। यदि शिक्षक अवकाश पर है तो उसका रिलीवर तय हुआ या नहीं और रिलीवर द्वारा कक्षाएं ली जा रही है अथवा नहीं। यह रिपोर्ट डीन आफ फैकल्टी विश्वविद्यालय के कुलपति को प्रस्तुत करते हैं।

इस तरह से काम करता है सिस्टम
कालेज में 12 विषय की पढ़ाई कराई जाती है। प्रत्येक विषय के एचओडी द्वारा ग्रुप तैयार किया है। इस ग्रुप में कक्षा कौन शिक्षक ले रहा है, इसकी जानकारी दी जाती है। कक्षा समाप्त होने पर पूरे क्लास का एक फोटो ग्रुप पर अपलोड किया जाता है। इससे शिक्षक और विद्यार्थियों की उपस्थिति का पता चलता है। यदि कोई विद्यार्थी बिना बताए गायब होता है तो उसकी सूचना उसके अभिभावक को दी जाती है। यदि तीन दिन से अधिक अनुपस्थित रहता है तब अभिभावक से जवाब तलब किया जाता है और अभिभावक की सिफारिश पर कक्षा में शामिल किया जाता है।

इस सिस्टम के लाभ
कक्षाएं समय पर और नियमित लग रही हैं।
कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ गई है।
शिक्षक का क्लास लेना अनिवार्य हुआ है।
कोर्स पूरा कराने की जिम्मेदारी शिक्षक पर तय हुई है। द्य कोर्स पूरा न होने पर अतिरिक्त कक्षाएं लेना अनिवार्य किया गया है।
विद्यार्थी का पढ़ाई पर फोकस बढ़ा है और धरने प्रदर्शन जैसी घटनाएं कम होने लगी हैं।

Upendra Pandey

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