Kanwar Yatra 2024: क्यों की जाती है कांवड़ यात्रा, जानिए इसका धार्मिक महत्व
आषाढ़ माह की पूर्णिमा 21 जुलाई को है। इसके अगले दिन यानी 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा। कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी इसी दिन से होने वाली है। इस बार सावन माह में पांच सोमवार पड़ने वाले हैं। ऐसे में इस महीने का महत्व और भी बढ़ गया है।
HIGHLIGHTS
1. हर साल सावन के महीने में कांवड़ यात्रा शुरू होती है।
2. कांवड़ यात्रा करने वाले भक्त कांवड़िए कहलाते हैं।
3. कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से 02 अगस्त तक रहेगी।
धर्म डेस्क, इंदौर :- Kanwar Yatra 2024: हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव की पूजा करने के लिए समर्पित माना जाता है। हर साल सावन के महीने में हजारों की संख्या में कांवड़िए गंगा नदी से जल लेकर अपने आसपास के मंदिरों में शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। कांवड़ यात्रा करने वाले भक्त कांवड़िए या भोला कहलाते हैं। कांवड़ यात्रा में कांवड़िए पैदल और वाहनों से भी यात्रा करते हैं। हर साल सावन के महीने में कांवड़ यात्रा शुरू होती है और सावन महीने की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव को जल चढ़ाया जाता है।
कांवड़ यात्रा महत्व
धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में कई तरह के कार्यों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है।
ऐसे में इस माह में कांवड़ ले जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सावन के महीने में कांवड़ यात्रा बहुत ही हर्षोल्लास के साथ निकाली जाती है। इस दौरान सावन शिवरात्रि पर कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लाते हैं और अपने आसपास के शिव मंदिरों में शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।
सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए सबसे उत्तम है। यह भगवान शिव का प्रिय महीना है।
सावन में कांवड़ यात्रा की परंपरा की शुरुआत प्राचीन काल में हुई थी।
इस दिन से शुरू होगी कांवड़ यात्रा
सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को खत्म होगा। 19 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। ऐसे में इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू होगी। यह सावन शिवरात्रि पर समाप्त होगी। सावन माह की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि इस बार 2 अगस्त को है। इस दिन सभी कांवड़िए जल लेकर आते हैं और शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।