Shri Jagannath Temple Bilaspur : भगवान जगन्नाथ के स्वाथ्य में सुधार के संकेत, नेत्रउत्सव की तैयारी
रेलवे परिक्षेत्र स्थित श्री श्री जगन्नाथ मंदिर में महाप्रभु को विश्राम करते 10 दिन हो गए हैं। मंदिर के सचिव एस बेहरा ने बताया कि ज्वर के दौरान शरीर में काफी दर्द था। गोपनीय रूप से उनके लिए विशेष जड़ी बूटी के माध्यम से इलाज किया जा रहा है। धीरे-धीरे उनके स्वास्थ्य में अब सुधार आने लगा है।
बिलासपुर :- भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए बड़ी अच्छी खबर है। मंगलवार को अणसार कक्ष में सेवा में जुटे विशेष पुरोहितों ने संकेत दिया है कि महाप्रभु अब स्वस्थ्य हो रहे हैं। फलों का रस और औषधीय दवाएं असर कर रही हैं। खबर के बाद मंदिर में रंगरोगन का काम प्रारंभ हो गया है। छह जुलाई को नेत्रउत्सव मनेगा। महाप्रभु को सीजन के खास फल भी भोग के रूप में अर्पित किया गया। रथ प्रतिष्ठा छह जुलाई को की जाएगी। इसी दिन भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर पुनः खोला जाएगा। इस दिन को नेत्रउत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल रथयात्रा का आयोजन सात जुलाई को होगा।
भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के साथ रथयात्रा पर निकलेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे। रथयात्रा रेलवे क्षेत्र के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर तितली चौक, रेलवे स्टेशन, तारबाहर, गांधी चौक, तोरवा थाना काली मंदिर होते हुए गुडिचा मंदिर पहुंचेगी। नौ दिनों तक भगवान गुडिचा मंदिर में रहेंगे, जहां विभित्र धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 15 जुलाई को बहुणा यात्रा के साथ भगवान वापस मंदिर लौटेंगे।
देव पूर्णिमा पर महास्नान से बीमार
मंदिर के पुजारी गोविंद पाढ़ी ने बताया कि मान्यता के अनुसार देव पूर्णिमा के अवसर पर भगवान श्री श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को पुरोहितों द्वारा 108 कलश जल और 64 प्रकार की जड़ी-बूटियों से महास्नान कराया गया।
इसके बाद महाप्रभु बीमार हो गए और अणासार कक्ष में विश्राम के लिए चले गए। इस अवधि के लिए मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं। यहां यहां गुप्त अनुष्ठान के साथ 64 औषधीय जड़ी बुटियों से सेवकों द्वारा इलाज किया जा रहा है।