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लोकसभा चुनाव 2024: ‘राहुल गांधी के वायनाड से जीतने से कोई फायदा नहीं’, प्रशांत किशोर ने भाजपा के 370 वाले लक्ष्य पर इस तरह की बात की

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि बीते 5 सालों में राहुल गांधी, सोनिया गांधी या अन्य विपक्षी नेताओं ने दक्षिण भारतीय राज्यों के इतने दौरे नहीं किए, जितने प्रधानमंत्री मोदी ने किए।

लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है और इसी बीच राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर देश के सियासी हालात पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रशांत किशोर ने समाचार एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस व भाजपा की रणनीति को लेकर भी विस्तार से बात की। प्रशांत किशोर ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में विपक्षी दल काफी ताकतवर है। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम यदि कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं आते हैं तो राहुल गांधी को कुछ समय के लिए राजनीति से ब्रेक ले लेना चाहिए।

क्या भाजपा को मिलेगी 370 सीटें?

प्रशांत किशोर ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा तेलंगाना में पहली या दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है, जो एक बड़ी बात है। वहीं ओडिशा में भी भाजपा नंबर-1 बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम से आप आश्चर्यचकित होंगे क्योंकि मेरे विचार से भाजपा पश्चिम बंगाल में भी सभी दलों से अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। तमिलनाडु जैसे राज्यों में भाजपा का वोट प्रतिशत दो डिजिट में पहुंच सकता है। भाजपा के 370 वाले लक्ष्य पर प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा के 370 सीटें जीतने की संभावना नहीं है। हालांकि भाजपा पश्चिमी भारत में अपनी पकड़ को मजबूत रखने में सफल होगी।

कांग्रेस को लेकर ये बोले प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि बीते 5 सालों में राहुल गांधी, सोनिया गांधी या अन्य विपक्षी नेताओं ने दक्षिण भारतीय राज्यों के इतने दौरे नहीं किए, जितने प्रधानमंत्री मोदी ने किए। कांग्रेस के नेताओं की लड़ाई उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में है, लेकिन वे मणिपुर और मेघालय का दौरा कर रहे हैं तो ऐसे में कांग्रेस को हिंदी बेल्ट में सफलता कैसे मिलेगी।

राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने से फायदा नहीं

प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि कांग्रेस उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में जीत नहीं पाती है तो वायनाड सीट से चुनाव जीतने का कोई फायदा नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी के अमेठी से न लड़ने से जनता के बीच एक गलत संदेश जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी 2014 में अपने गृह राज्य गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने का विकल्प चुना था। प्रशांत किशोर ने कहा कि आप भारत को तब तक नहीं जीत सकते, जब तक आप हिंदी पट्टी को नहीं जीत जाते।

Upendra Pandey

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